IND vs ENG: वैभव सूर्यवंशी का टेस्ट में नहीं चला बल्ला, वनडे में धमाके के बाद पहली पारी में इस स्कोर पर हुए आउट

IND vs ENG: वैभव सूर्यवंशी का टेस्ट में नहीं चला बल्ला, वनडे में धमाके के बाद पहली पारी में इस स्कोर पर हुए आउट
India's U-19 star batter Vaibhav Suryavanshi in frame

Story Highlights:

भारत और इंग्लैंड अंडर 19 टीमों के बीच 12 जुलाई से टेस्ट शुरू हुआ.

भारत की ओर से यूथ टेस्ट में छह खिलाड़ियों ने डेब्यू किया.

युवा बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी इंग्लैंड के खिलाफ पहले यूथ टेस्ट में सस्ते में निपट गए. वनडे सीरीज में तूफानी बल्लेबाजी करने के बाद पहले चार दिवसीय मुकाबले की पहली पारी में उनका बल्ला खामोश रहा. इंडिया अंडर 19 टीम और इंग्लैंड के बीच 12 जुलाई से यूथ टेस्ट शुरू हुआ. इसमें भारत के कप्तान आयुष म्हात्रे ने टॉस जीता और बैटिंग करने का फैसला किया. टीम इंडिया की ओर से छह खिलाड़ियों ने इस फॉर्मेट में डेब्यू किया. इसके तहत म्हात्रे, दीपेश देवेंद्रन, हेनिल पटेल, मौल्यराज सिंह चावड़ा, राहुल कुमार, आरएस अम्बरीश ने पहली बार यूथ टेस्ट मैच में कदम रखा.

सूर्यवंशी और म्हात्रे पारी का आगाज करने उतरे. दोनों के बीच पहले विकेट के लिए 17 रन की साझेदारी हुई. इनमें से 14 रन सूर्यवंशी के रहे. उन्होंने 13 गेंद खेली और तीन चौकों से 14 रन बनाए. उऩके खेलने का तरीका तूफानी ही रहा. वे टी20 स्टाइल में ही खेल रहे थे. लेकिन भारतीय पारी के तीसरे ओवर में एलेक्स ग्रीन के शिकार बन गए. राल्फी अलबर्ट ने उनका कैच लपका.

सूर्यवंशी ने वनडे सीरीज में किया था कमाल

 

सूर्यवंशी ने इससे पहले इंग्लैंड अंडर 19 टीम के खिलाफ वनडे सीरीज में जबरदस्त खेल दिखाया था. उन्होंने पांच मैच में 71 की औसत से 355 रन बनाए थे. इस दौरान एक शतक भी उड़ाया जो अंडर 19 स्तर पर सबसे तेज था. इस दौरान 143 रन की पारी खेली थी जो 78 गेंद में आई थी. इस शतक के जरिए सूर्यवंशी सबसे कम उम्र में अंडर 19 में शतक लगाने वाले भी बने थे. इन सीरीज में उनकी स्ट्राइक रेट 174 की थी. भारत ने वनडे सीरीज 3-2 से जीती थी.

म्हात्रे की फॉर्म में वापसी

 

पहले यूथ टेस्ट में सूर्यवंशी का बल्ला भले ही न चला हो लेकिन कप्तान म्हात्रे ने अच्छे संकेत दिए. उन्होंने वनडे सीरीज की नाकामी से उबरते हुए बढ़िया शॉट्स लगाए. खबर लिखने तक वे तीन चौकों व दो छक्कों से 53 गेंद में 39 रन बना चुके थे. वे वनडे सीरीज में नहीं चले थे. तब चार पारियों में 27 रन ही बना सके थे.