'बैटिंग सुधारो, तब वनडे में मिलेगा मौका', टीम इंडिया के धाकड़ स्पिनर के सामने गौतम गंभीर ने रखी यह चुनौती

'बैटिंग सुधारो, तब वनडे में मिलेगा मौका', टीम इंडिया के धाकड़ स्पिनर के सामने गौतम गंभीर ने रखी यह चुनौती
varun chakarabvarthy

Story Highlights:

वरुण चक्रवर्ती को ऑस्ट्रेलिया दौरे की भारतीय वनडे टीम में नहीं चुना गया.

वरुण चक्रवर्ती ने साल 2025 की शुरुआत में वनडे डेब्यू किया था.

वरुण चक्रवर्ती ने चैंपियंस ट्रॉफी जिताने में अहम योगदान दिया था.

भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर चाहते हैं कि वरुण चक्रवर्ती बैटिंग पर भी काम करें. इससे भारत की वनडे टीम में आने का उनका दावा मजबूत होगा. वरुण चक्रवर्ती ने खुद यह जानकारी दी है. उन्हें हाल ही में ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए चुनी गई भारतीय वनडे टीम में जगह नहीं मिली थी. हालांकि वह फरवरी-मार्च 2025 में चैंपियंस ट्रॉफी में खेले थे.

34 साल के चक्रवर्ती ने बताया कि गंभीर बैटिंग में सुधार चाहते हैं. ऐसा होने पर वनडे टीम में सेलेक्शन में मदद मिलेगी. चक्रवर्ती ने मुंबई में एक इवेंट में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'मूल रूप से यह बात होती है कि बॉलिंग में लंबे स्पैल कराए जाए क्योंकि टी20 इंटरनेशनल में आप ज्यादा से ज्यादा दो ओवर लगातार फेंकते हैं. लेकिन वनडे में आपको लगातार पांच से छह ओवर फेंकने होते हैं. इस पर मैंने काम किया है और चैंपियंस ट्रॉफी में ऐसा कर चुका हूं. निश्चित रूप से वह चाहते हैं कि मैं घरेलू क्रिकेट में ऊपर बैटिंग करूं और मैंने अपनी बल्लेबाजी में सुधार किया है.'

वरुण चक्रवर्ती का कैसा है वनडे करियर

 

तमिलनाडु से आने वाले चक्रवर्ती ने अभी तक चार वनडे मुकाबले खेले हैं. इनमें 10 विकेट लिए हैं. उन्होंने इस फॉर्मेट में डेब्यू इंग्लैंड के खिलाफ कटक वनडे में किया था. फिर तीन मैच चैंपियंस ट्रॉफी में खेले थे. वनडे से इतर टी20 इंटरनेशनल फॉर्मेट में वरुण भारतीय टीम के अहम खिलाड़ी हैं. वे 24 टी20 इंटरनेशनल मैच खेल चुके हैं और 40 विकेट उनके नाम हैं.

वरुण चक्रवर्ती ने मिस्ट्री स्पिनर कहे जाने पर क्या बताया

 

चक्रवर्ती के लिए मिस्ट्री स्पिनर टर्म इस्तेमाल की जाती है. लेकिन इस गेंदबाज का कहना है कि ऐसा मीडिया ने कहना शुरू किया और वह खुद को ऐसा नहीं मानते हैं. अगर कोई उन्हें मिस्ट्री स्पिनर कहता है तो कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन वह एक ही ग्रिप और रिलीज पॉइंट से सभी तरह की गेंद फेंक सकते हैं. इस वजह से बल्लेबाज उनकी गेंदों को पढ़ नहीं पाते हैं.