विराट कोहली 12 साल के लंबे इंतजार के बाद रणजी ट्रॉफी में वापसी के लिए तैयार हैं. वह दिल्ली के लिए पिछला रणजी ट्रॉफी मैच साल 2012 में उत्तर प्रदेश के खिलाफ खेले थे. कोहली को रेलवे के खिलाफ ग्रुप डी के मुकाबले के लिए दिल्ली के स्क्वॉड में शामिल किया गया है. बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में फेल रहने के बाद उनकी फॉर्म पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं. उनकी काफी आलोचना भी हो रही है. खराब फॉर्म के बाद रोहित शर्मा, विराट कोहली, केएल राहुल, शुभमन गिल जैसे स्टार बल्लेबाजों ने घरेलू क्रिकेट खेलने का फैसला लिया.
रोहित तो मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी का पिछला राउंड खेले थे, मगर वो आखिरी लीग राउंड नहीं खेलेंगे. वहीं कोहली ने दिल्ली के लिए आखिरी लीग राउंड मुकाबला खेलने का फैसला लिया. वो दिल्ली की टीम के साथ अरुण जेटली स्टेडियम में प्रैक्टिस भी कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने दिल्ली के स्क्वॉड में शामिल युवा प्लेयर्स से बातचीत की और उनका उत्साह भी बढ़ाया. इसके थोड़ी देर बाद वह ड्रेसिंग रूम में गए और अपना क्रिकेट किट लेकर बाहर आये.
कोहली ने नहीं ली मदद
दिल्ली टीम के मैनेजर महेश भाटी ने कोहली को किट बैग के साथ बाहर आते देखा और कुछ यंग प्लेयर्स को उन्होंने इशारा किया कि वे स्टार बल्लेबाज की किट उठाने में मदद करें, मगर इसके बाद कोहली ने दिल जीतने वाला फैसला लिया. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार उन्होंने किट उठाने में यंग प्लेयर्स की मदद न लेने का फैसला लिया. उन्होंने खुद अपना किट बैग उठाया और नेट्स की तरफ गए. भाटी अंडर 17 और अंडर 19 दिनों में कोहली के कोच भी रह चुके हैं. उन्होंने कोहली को लेकर कहा-
वह अब भी वही हैं.वह सबके लिए वही विराट हैं. यहां तक कि ट्रेनिंग सेशन के पहले दिन, वो ड्रेसिंग रूम में अंदर गए और खुद अपना बैग उठाया. इसके बाद वो प्रैक्टिस सेशन का पूरे दिन हिस्सा रहे और फिर खुद अपना किट बैग लेकर ड्रेसिंग रूम में गए. मैंने कहा, विराट, तेरी मदद करा देते हैं तो उन्होंने जवाब में कहा- भाइया, क्या बात कर रहे हो? मेरे खेलने का सामान है, मैं खुद लेकर जाऊंगा. इसके बाद उन्होंने अपने कंधों पर किट बैग उठाया और ड्रेसिंग रूम में चले गए.
दिल्ली और रेलवे के बीच मुकाबला 30 जनवरी से शुरू होगा. कोहली लंबे समय बाद घरेलू क्रिकेट में वापसी कर रहे हैं. ऐसे में उनकी कोशिश इसे यादगार बनाने की होगी.
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