विराट कोहली का बड़ा खुलासा, ऑस्ट्रेलिया में खराब दौर से गुजरने के दौरान कैसा कर रहे थे महसूस, बोले- बस 4-5 दिन...

विराट कोहली का बड़ा खुलासा, ऑस्ट्रेलिया में खराब दौर से गुजरने के दौरान कैसा कर रहे थे महसूस, बोले- बस 4-5 दिन...
आउट होने के बाद मैदान से बाहर जाते विराट कोहली

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विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया में खराब दौर से गुजरने को लेकर बड़ा खुलासा किया है

कोहली ने कहा कि मैं जल्दबाजी में कुछ नहीं करना चाहता था

भारत के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने शनिवार को कहा कि वह फिलहाल संन्यास के बारे में नहीं सोच रहे हैं क्योंकि वह खेल का आनंद ले रहे हैं और उनके अंदर ‘प्रतिस्पर्धी भावना’ पूरी तरह से बरकरार है. कोहली ने दुबई में हाल में भारत की चैंपियंस ट्रॉफी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिसके बाद कप्तान रोहित शर्मा ने भी उनके बारे में संन्यास की चर्चाओं को खारिज कर दिया.

नहीं लूंगा रिटायरमेंट

कोहली ने ‘आरसीबी इनोवेशन लैब’ में एक इवेंट के दौरान कहा, ‘‘घबराइए नहीं. मैं कोई घोषणा नहीं कर रहा हूं. अभी तक सब कुछ ठीक है. मुझे अब भी खेलना पसंद है. ’’ कोहली ने कहा कि उन्हें उपलब्धियां हासिल करने की इच्छा नहीं है लेकिन वह पूरी तरह क्रिकेट का आनंद लेने के लिए खेल रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए खेलना अब पूरी तरह से आनंद, प्रतिस्पर्धी भावना और खेल के प्रति प्रेम है. और जब तक यह है, मैं खेलना जारी रखूंगा. जैसा कि मैंने आज कहा कि मैं किसी उपलब्धि के लिए नहीं खेल रहा हूं. ’’

उन्होंने कहा, ‘‘शायद एक और महीना. शायद छह और महीने. इसलिए मुझे लगता है कि यह एक अच्छा संतुलन है. अपने जीवन के इस समय में मैं बहुत खुश महसूस कर रहा हूं. ’’ लेकिन कोहली ने माना कि बढ़ती उम्र ने उनके खेल के शीर्ष पर बने रहने की पूरी प्रक्रिया को थोड़ा और कठिन बना दिया है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपनी ऊर्जा को सही जगह पर रखना चाहता हूं. अब इसमें बहुत अधिक प्रयास की जरूरत होती है और जो लोग लंबे समय तक खेल चुके हैं, वे इसे समझते हैं. आप 30 की उम्र के बाद इतने सारे काम नहीं कर सकते जितना आप 20 की उम्र में कर सकते हैं. मैं भी अपने जीवन में थोड़ा अलग मुकाम पर हूं. ’’

ऑस्ट्रेलिया में खराब फॉर्म के दौरान क्या सोच रहे थे विराट

कोहली ने खुलासा किया कि ऑस्ट्रेलिया में उनके साथ ऐसे पल आए जब रन कमी ने उन्हें हर पारी में चीजों को सुधारने के लिए बहुत उत्सुक बना दिया. हालांकि, उन्होंने जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेने का फैसला किया और निराशा के साथ लड़े. कोहली ने बताया कि, "एक बार जब आप ऊर्जा और बाहरी निराशा को झेलना शुरू कर देते हैं, तो आप खुद पर और अधिक बोझ डालना शुरू कर देते हैं." "और फिर आप चीजों के बारे में सोचना शुरू कर देते हैं, जैसे 'मेरे पास उस दौरे पर दो या तीन दिन बचे थे, मुझे लगा था कि मुझे अब प्रभाव डालने की जरूरत है.' और आप और अधिक हताश होने लगते हैं. यह कुछ ऐसा है जो मैंने निश्चित रूप से ऑस्ट्रेलिया में भी अनुभव किया है. "क्योंकि मैंने पहले टेस्ट में अच्छा स्कोर बनाया था. मैंने सोचा, ठीक है, 'चलो चलते हैं.' मेरे लिए एक और बड़ी सीरीज़ होने वाली है. ऐसा नहीं हुआ. उस दौरान मैंने यही सोचा कि चलो ठीक है जो हुआ जैसा हुआ. मुझे खुद में ईमानदार होना जरूरी था. 

विराट ने बताया कि, मैं उस दौरान यही सोच रहा था कि मैं यहां 48 या 72 घंटे बैठकर ये सोचने वाला नहीं हूं और न ही कोई फैसला लेने वाला हूं. मैं यही सोच रहा था कि परिवार के साथ समय बिताऊंगा. सबकुछ शांत होने पर आगे बढ़ूंगा. मुझे ये देखना था कि मैं आगे कैसा महूसस कर रहा हूं. और फिर मैं 2-3 दिन बाद जिम जाने के लिए उत्साहित हो गया.  मैं सोच रहा था, ठीक है. सब ठीक है. मुझे अभी कुछ भी ट्वीट करने की ज़रूरत नहीं है."

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