नई दिल्ली. भारत में कहा जाता है- चढ़ते सूरज को सब सलाम करते हैं, डूबते को कोई नहीं. इसका मतलब है जब कोई बुलंदी पर होता है तो दुनिया उसकी पूजा करती है लेकिन जब गिर रहा होता है तो कोई संभालने नहीं जाता. खेलों की दुनिया पर राज करने वाले खिलाड़ियों के साथ भी यही कहानी है. आज फुटबॉल को अपने इशारों पर नचाने वाले क्रिस्टियानो रोनाल्डो, लियोनल मैसी, नेमार जूनियर, किलियन एमबापे का राज चलता है. लेकिन 10-15 साल पहले रोनाल्डो, डेविड बैकहम, जिनेडिन जिडान जैसे नाम चमका करते थे. ऐसा ही बाकी खेलों में हैं. जैसे- क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर, वसीम अकरम, स्टीव वॉ, ब्रायन लारा थे. अब विराट कोहली, रोहित शर्मा, बाबर आजम, जॉस बटलर हैं.
जब खिलाड़ी खेल में शोहरत बटोरता है तब उस पर जमकर पैसे बरसते हैं. लेकिन संन्यास के बाद न चमक-धमक होती है और न पैसों की बरसात. जैसा कि एक विज्ञापन में युवराज सिंह ने कहा- जब तक बल्ला चल रहा है तब तक ठाठ हैं. देखने में आया कि संन्यास के बाद खिलाड़ी पैसों की तंगी से जूझते नज़र आते हैं. कई तो दिवालिया तक हो जाते हैं. देश और विदेश में इस तरह के कई उदाहरण हैं. ब्रिटिश अखबार इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रीमियर लीग (इंग्लैंड की फुटबॉल लीग) में खेलने वाले फुटबॉलर्स में पांच में से तीन संन्यास के पांच साल के अंदर दिवालिए हो जाते हैं. इसी तरह 2009 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एनएफएल (अमेरिकन फुटबॉल लीग) में 78 फीसदी, एनबीए 60 फीसदी खिलाड़ी पांच साल के अंदर कंगाल हो जाते हैं. क्रिकेट में भी इसी तरह के हाल हैं. भारत के अलावा बाकी देशों में खिलाड़ी खेलने के दिनों में भी पैसों की कमी से जूझते हैं.
पिछले कुछ सालों में देखने में आया कि खिलाड़ी अपने शोहरत के दिनों में ही संतुलित तरीके से पैसा बरतने लगे हैं. साथ ही नए-नए धंधों में पैसा लगाते हैं जिससे कि रिटायरमेंट के बाद किसी के भरोसे न बैठना पड़े. क्रिकेटर्स जहां रेस्तरां में ज्यादा पैसे लगाते हुए देखे जाते हैं. वहीं फुटबॉलर्स रियल एस्टेट और प्रॉपर्टी में पैसा सींचते हैं. आज की स्पोर्ट्स तक स्पेशल में अलग-अलग खेलों के खिलाड़ियों और उनके बिजनेस के बारे में जानेंगे.
शुरुआत क्रिकेट से ही करते हैं. भारत में देखा जाता है कि टीम इंडिया में खेलने वाले खिलाड़ियों के पास पैसों की तंगी नहीं होते हैं. उन्हें बीसीसीआई से बढ़िया कॉन्ट्रेक्ट मिलता है. साथ ही मैच फीस, स्पॉन्सरशिप मिलती है. आईपीएल आने के बाद वहां के कॉन्ट्रेक्ट्स ने भी तिजोरियों को भरने का काम किया है. बाकी देशों में क्रिकेटर्स मुख्य रूप से अपने बोर्ड के कॉन्ट्रेक्ट और मैच फीस के भरोसे ही ज्यादा रहते हैं. तो जान लेते हैं क्रिकेटर्स रिटायरमेंट के चैन के लिए कहां पैसे लगाते हैं.
सचिन तेंदुलकर
दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेटर्स में से एक सचिन ने कई बिजनेस में पैसे डाले हैं. फिर चाहे रेस्तरां हो या स्पोर्ट्स लीग की टीमें. उन्होंने दो रेस्तरां Tendulkar's और Sachin's खोले थे. लेकिन कामयाबी नहीं मिली और इन्हें बंद करना पड़ा था. उन्होंने इंडियन सुपर लीग में केरला ब्लास्टर्स फुटबॉल टीम और प्रीमियर बैडमिंटन लीग में बेंगलुरु ब्लास्टर्स टीम में हिस्सेदारी ली थी. इनमें से 2018 में केरला ब्लास्टर्स का हिस्सा बेच दिया. इनके अलावा उन्होंने फ्यूचर ग्रुप के साथ पर्सनल यूज के प्रॉडक्ट लॉन्च किए थे. उन्होंने स्मैश एंटरटेनमेंट, स्पिनी (यूज्ड कार बेचने वाली कंपनी) में हिस्सेदारी ले रखी है. साथ ही अपनी स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कंपनी चलाते हैं.
एमएस धोनी
भारत के सबसे कामयाब कप्तानों में से एक धोनी ने कई जगहों पर पैसा लगाया है. इनमें खेती से लेकर खेल, जिम से लेकर जानवर, कपड़ों से लेकर मनोरंजन तक शामिल हैं. एमएस धोनी ने आईएसएल में अभिषेक बच्चन के साथ चेन्नईय़न एफसी, हॉकी लीग में रांची रायनोज, बाइक रेसिंग में माही रेसिंग टीम खरीदी थी. सेवन नाम से उनकी फुटवियर और स्पोर्ट्स क्लोदिंग कंपनी है. रांची में ऑर्गेनिक खेती और डेयरी-पॉल्ट्री फार्म है. इनके अलावा धोनी एंटरटेनमेंट के नाम से प्रोडक्शन हाउस है, स्पोर्ट्सफिट नाम से जिम चैन है. ड्रोन बनाने वाली कंपनी गरुड़ा एयरोस्पेस में भी पैसा डाला है. इनके अलावा कार्स24, होमलेन, 7इंकब्रूज जैसी कंपनियों में भी हिस्सेदारी ले रखी है. रांची में माही रेजिडेंसी नाम से उनकी एक होटल भी है.
विराट कोहली
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट खेल के मैदान में कामयाबी के झंडे गाड़ने के साथ ही बिजनेस की फील्ड में भी धुरंधर हैं. उन्होंने कई जगहों पर पैसा लगाया हुआ है. विराट ने अपनी क्लोदिंग और एक्सेसरीज ब्रैंड Wrogn लॉन्च कर रखा है. साथ ही रेज कॉफी, ब्ल्यू ट्राइब (प्लांट बेस्ड मीट), गोवा एफसी (फुटबॉल टीम), गेलेक्टस फनवेयर,स्पोर्ट कॉन्वो, डिजीट में पैसा इन्वेस्ट किया है. साथ ही वन8 कम्यून व न्यूएवा जैसे रेस्तरां और चिजेल नाम से जिम खोल रखे हैं. देश के कई शहरों में उनकी प्रोपर्टी भी है.
कुछ बड़े क्रिकेटर्स के इन्वेस्टमेंट
रॉबिन उथप्पा- ऑनलाइन टिफिन सर्विस कंपनी ईटिफिन.
कपिल देव-स्लोफो नाम की मोबाइल ऐप, पीपल इजी नाम की ऑनलाइन ग्रॉसरी कंपनी.
स्मृति स्मृति मांधना- एक आयुर्वेदिक कंपनी.
गैरी कर्स्टन ने ट्रेवल एंड टूर्स, परफॉर्मेंस जोन और क्रिकेट एकेडमी खोल रखी है.
सुनील गावस्कर-प्लेयर्स मैनेजमेंट ग्रुप.
अनिल कुम्बले- टेनविक (स्पोर्टस एजुकेशन कंपनी), स्टंप विजन- सॉफ्टेवयर कंपनी.
कपिल देव- कपिल इलेवन रेस्तरां, केप्टेन्स रिट्रीट होटल, जूम इलेक्ट्रॉनिक्स में हिस्सेदारी, देव मस्को लाइटिंग.
सौरव गांगुली- आईएसएल टीम में हिस्सेदारी.
वीरेंद्र सहवाग- स्कूल.
महेला जयवर्धने-कुमार संगकार- मिनिस्ट्री ऑफ क्रेब रेस्तरां.
क्रिस गेल- ट्रिपल सेंचुरी स्पोर्ट्स बार.
सुरेश रैना- हॉकी टीम यूपी विजार्ड्स, माते नाम की बेबी केयर प्रोडक्ट कंपनी.
स्टीव स्मिथ- कोआला नाम की मेट्रेस कंपनी में हिस्सेदारी.
डेविड वॉर्नर- वोदका, रेस हॉर्स, काबूम खिलौने, रियल एस्टेट.
फुटबॉल
यह दुनिया का सबसे ज्यादा देखा, खेला और फॉलो किए जाने वाला खेल है. हर देश में फुटबॉल लोकप्रियता में पहले या दूसरे नंबर का खेल रहता है. नतीजतन इस खेल में पैसे भी खूब हैं और इसे खेलने वाले खिलाड़ियों पर खूब धन बरसता है. अब जान लीजिए बड़े फुटबॉलर्स कहां पर पैसा लगाते हैं.
क्रिस्टियानो रोनाल्डो
पुर्तगाल का यह सुपरस्टार फुटबॉलर गोल दागने के साथ ही बिजनेस में भी आगे है. उनकी पेस्ताना सीआऱ7 नाम से एक होटल चेन है. इस चेन के तहत न्यूयॉर्क, लिस्बन, पेरिस और मेड्रिड जैसे शहरों में होटलें खोली हैं. साथ ही हेयर ट्रांसप्लांट बिजनेस भी है. स्पेन की राजधानी मेड्रिड में उनका सीआर7 फिटनेस नाम से जिम है. सीआर7 नाम से उनका फैशन ब्रांड है जिसके तहत कपड़े, जूते, अंडर गारमेंट्स बेचे जाते हैं.
लियोनल मैसी
यह अर्जेंटीनियाई फुटबॉल भी खेल के मैदान के साथ ही बिजनेस में भी अच्छी खासी दखल रखता है. 2017 में उन्होंने मिम नाम से होटल चेन शुरू की. बार्सिलोना में उन्होंने मैसी ब्रैंड नाम से क्लोदिंग शोरूम खोला हुआ है. एडिडास के साथ मिलकर उन्होंने अपने नाम से स्पेशल जूतों का कलेक्शन लॉन्च कर रखा है.
डेविड बैकहम
इंग्लैंड का यह धाकड़ खिलाड़ी रिटायर हो चुका है लेकिन अपने खेल और ग्लैमर के जरिए उन्होंने काफी पैसे कमाए. साथ ही उन्हें कमाल तरीके से इन्वेस्ट भी किया. बैकहम डीबी वेंचर्स नाम से एक कंपनी चलाती है जो उनके ब्रैंड नेम से लाइफ स्टाइल प्रोडक्ट बनाने का लाइसेंस देती है.उन्होंने अमेरिका में इंटर मयामी फुटबॉल टीम खरीद रखी है. बैकहम ब्रैंड हॉल्डिंग्स के जरिए उनकी तस्वीरों के राइट्स बेचे जाते हैं.
बड़े फुटबॉलर्स के बिजनेस
नेमार- अपने नाम की एनएफटी लॉन्च की.
किलियन एमबापे- प्रॉडक्शन कंपनी
फिलिप लाम- स्पोर्ट्स केयर कंपनी सिक्सटस, जर्मन स्पोर्ट्स लॉटरी, फूड कंपनी स्कनीकॉप.
एंड्रिया पिर्लो- शराब बनाने वाली कंपनी
गेरार्ड पिके- कॉस्मॉस ग्लोबल हॉल्डिंग्स, एफसी एंडोरा के मालिक
लुकास पोडोलस्की- मंगल नाम से कबाब शॉप चेन, आइसक्रीम पार्लर, पब और कपड़ों के शोरूम
रॉबी फॉउलर- 100 से ज्यादा घरों के मालिक, प्रोपर्टी एकेडमी चलाते हैं
टेनिस
रोजर फेडरर- लेवर कप का आयोजन, आरएफ लोगो के जरिए कपड़े, कैप की लॉन्चिंग, टीम8 नाम से प्लेयर मैनेजमेंट एजेंसी, ऑन नाम के ब्रैंड में हिस्सेदारी.
राफेल नडाल- टेनिस एकेडमी, स्पेनिश रेस्तरां टेटेल में हिस्सेदारी, होटल.
नोवाक जोकोविच-इक्विटा नाम से रेस्तरां, नोवाक नाम से कैफे चेन, जोकोलाइफ नाम से न्यूट्रिशनल फूड
मारिया शारापोवा- शुगरपोवा नाम से कंफेक्शनरी चेन.
सेरेना विलियम्स- सेरेना वेंचर्स से स्टार्टअप्स में निवेश,मयामी डॉल्फिन्स में हिस्सेदारी, सेरेना नाम से क्लोदिंग लाइन.
बाकी खेल
केविन डुरांट (बास्केटबॉल)- एनएफटी, थर्टी फाइव वेंचर कंपनी
लेब्रॉन जेम्स- फेनवे स्पोर्ट्स ग्रुप में शेयरहोल्डर (लीवरपूल और बॉस्टन रेड सॉक्स टीम का मालिकाना हक), स्प्रिंगहिल एंटरटेनमेंट, ब्लेज पिज्जा, अनइंटरप्टेड मीडिया कंपनी, लेडर स्पोर्ट्स न्यूट्रिशन कंपनी,
टाइगर वुड्स- गोल्फ कॉर्स डिजाइन फर्म, स्पोर्ट्स बार, लाइव इवेंट सीरीज,वेंचर कैपिटल फर्म.
उसेन बोल्ट- चैंपियन शेविंग कंपनी, फास्ट फूड चेन, इमोजी, प्यूमा और हबलोट के साथ पार्टनरशिप.
लुईस हैमिल्टन-टॉमी हिलफिगर के साथ क्लोदिंग लाइन,नीट बर्गर चेन,
माइकल फेलप्स- खुद का स्विमवियर और ट्रेनिंग गियर का ब्रेंड.