युवराज सिंह को दिग्गज क्रिकेटरों की सूची में गिना जाता है. 43 साल के इस पूर्व ऑलराउंडर ने भारत के लिए 17 साल तक क्रिकेट खेला है. युवराज ने इस दौरान टी20 वर्ल्ड कप, वनडे वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्जा किया है. वहीं वो सनराइजर्स हैदराबाद और मुंबई इंडियंस की टीम में भी रह चुके हैं. पंजाब के इस क्रिकेटर को उनके पिता योगराज सिंह के अनुशासन के लिए जाना जाता है.
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मैं नहीं चाहता मेरा बेटा क्रिकेट खेले: युवराज
युवराज सिंह अपने पिता के नक्शे कदम पर चले और लेजेंड्री क्रिकेटर बने. लेकिन इस बीच कर्ली टेल्स को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने बड़ा खुलासा किया और बताया कि वो नहीं चाहते कि उनका बेटा क्रिकेटर बने. युवराज ने इस इंटरव्यू में कहा कि, मैं नहीं चाहता कि मेरा बेटा क्रिकेटर बने. लेकिन अगर वो क्रिकेटर बनना चाहेगा तो मैं उसका सपोर्ट जरूर करूंगा.
युवराज ने बताया कि, मेरे बेटे ने जब से मुझे खेलते हुए देखा है तब से उसे क्रिकेटर बनने का शौक पड़ गयाहै. जब भी वो देखता है वो कहता है, पापा मैं आपके साथ क्रिकेट खेलना चाहता हूं. लेकिन मैं यही कहता हूं कि नहीं मैं नहीं चाहता कि तुम क्रिकेट खेलो. मैं ये उसके लिए नहीं बल्कि अपने लिए कहता हूं.
अगर वो खेलेगा तो मैं उसका सपोर्ट करूंगा
युवराज ने आगे बताया कि, मैं नहीं चाहता कि वो क्रिकेट खेले. लेकिन अगर वो खेलेगा तो मैं उसका सपोर्ट करूंगा. मुझे लगता है कि जब कोई बच्चा होता है तो उसपर काफी ज्यादा दबाव होता है. अगर मेरा बच्चा क्रिकेट खेलेगा तो लोग उसकी तुलना मुझसे करने लगेंगे. लेकिन ये गलत है. क्योंकि हर किसी में एक जैसा टैलेंट नहीं हो सकता. किसी में होगा, किसी में नहीं होगा. किसी में किसी और चीज का टैलेंट होगा. लेकिन अगर वो खेलना चाहेगा तो मैं उसका सपोर्ट करूंगा.
बता दें कि युवराज ने 3 अक्टूबर 2000 में केन्या के खिलाफ आईसीसी नॉकआउट में भारत के लिए डेब्यू किया था. युवराज ने भारत के लिए 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 टी20 मुकाबले खेले हैं.