टीम इंडिया से बाहर चल रहे विकेटकीपर-बल्लेबाज इशान किशन ने बीते दिन अपनी कप्तानी में झारखंड को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी दिला दी. फाइनल में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया. उन्होंने सिर्फ 49 गेंदों में 101 रन की तूफानी पारी खेलकर झारखंड को उसका पहला खिताब दिलाया और आखिरकार टीम इंडिया से लंबे समय तक बाहर रहने पर अपनी चुप्पी तोड़ी.
ज़्यादा मेहनत करने की जरूरत
तत्कालीन हेड कोच राहुल द्रविड़ और चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर के अंडर अनुशासनहीनता के मुद्दों के कारण 2023 से भारतीय टीम से बाहर रहने के बाद इशान ने माना कि यह दौर मानसिक रूप से काफी चुनौतीपूर्ण था. स्पोर्टस्टार के अनुसार इशान किशन ने कहा कि जब मेरा भारतीय टीम में सिलेक्शन नहीं हुआ तो मुझे बहुत बुरा लगा क्योंकि मैं अच्छा प्रदर्शन कर रहा था, लेकिन मैंने खुद से कहा कि अगर इस तरह के प्रदर्शन के बाद भी मेरा सिलेक्शन नहीं होता है, तो शायद मुझे और ज़्यादा मेहनत करनी होगी. शायद मुझे अपनी टीम को जिताना होगा. शायद हमें एक यूनिट के तौर पर अच्छा प्रदर्शन करना होगा.
यंग प्लेयर्स को मैसेज
इशान ने मुश्किल समय में निराशा को संभालने की अहमियत पर ज़ोर दिया. उनका कहना है कि यह ज़रूरी है कि आप निराशा को खुद पर हावी न होने दें. उन्होंने यंग प्लेयर्स को मैसेज देते हुए कहा कि निराशा आपको एक कदम पीछे ले जाएगी. आपको बहुत ज़्यादा कड़ी मेहनत करनी होगी, खुद पर विश्वास करना होगा और जो आप हासिल करना चाहते हैं, उस पर ध्यान देना होगा.

