AUS vs ENG: मैक्कलम पहला टेस्ट 2 दिन में हारने पर भी बैजबॉल पर अड़े, बोले- इससे हटे तो मुश्किल में पड़ जाएंगे

AUS vs ENG: मैक्कलम पहला टेस्ट 2 दिन में हारने पर भी बैजबॉल पर अड़े, बोले- इससे हटे तो मुश्किल में पड़ जाएंगे
Brendon McCullum in this frame

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ब्रेंडन मैक्कलम ने कहा कि सुरक्षित तरीके से खेलने का कोई मतलब नहीं है.

इंग्लैंड के कोच का मानना है कि बैजबॉल के जरिए ही उनकी टीम वापसी कर सकती है.

इंग्लैंड को एशेज 2025-26 के पहले टेस्ट में दो दिन में ही ऑस्ट्रेलिया ने हरा दिया. पर्थ में खेले गए मुकाबले में ट्रेविस हेड के आतिशी शतक से मेजबान ने आठ विकेट से बड़ी जीत हासिल की. इस नतीजे के बाद इंग्लिश टीम के खेलने के अंदाज की आलोचना हो रही है. लेकिन इंग्लैंड के हेड कोच ब्रेंडन मैक्क्लम इसकी परवाह नहीं करते. उनका कहना है कि उनकी टीम जिस तरह से खेलती है उसी से वह सीरीज में वापसी कर सकती है. अगर आक्रामक तरह से खेलने का तरीका छोड़ा तो मुश्किल हो जाएगी.

इंग्लैंड के कई पूर्व क्रिकेटर्स ने टीम के खेलने के तरीके पर सवाल उठाए हैं. इनमें माइकल वॉन, जैफ्री बॉयकॉट और एलिस्टर कुक शामिल हैं. 2022 में मैक्कलम के हेड कोच बनने के बाद से इंग्लिश बल्लेबाज टेस्ट में भी तेजी से रन जुटाने पर ध्यान दे रहे हैं. इस तरीके को इंग्लिश मीडिया ने बेजबॉल नाम दिया. मैक्कलम ने पहले टेस्ट के नतीजे के बाद कहा, 'हम जिस तरह से खेल रहे हैं उस पर हमें पूरा भरोसा है. पिछले कुछ सालों में हमने एक सेट अप बनाया है जो आपस में जुड़ा हुआ और करीब है. हम क्रिकेट को उस तरीके से खेलते हैं जिससे हमें लगता है कि इससे सर्वाधिक फायदा होगा. अगर हम इससे हटे तो हमें मुश्किल हो जाएगी.'

मैक्कलम बोले- सुरक्षित खेलने का कोई मतलब नहीं

 

न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान ने फिर दोहराया कि सुरक्षित रवैया अपनाकर खेलने का कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा, 'सुरक्षित तरीके से खेलने का कोई मतलब नहीं. हमें अपने रवैये का समर्थन करना होगा और मजबूती से डटे रहना है. जो कर रहे हैं उस पर भरोसा जरूरी है. इससे हमें वापसी का सबसे अच्छा मौका मिलेगा.'

मैक्कलम ने इंग्लिश टीम की आलोचना पर क्या कहा

 

मैक्कलम ने चौतरफा आलोचनाओं को स्वीकार किया और कहा कि इस तरह के माहौल में ही परीक्षा होती है. उन्होंने कहा, 'जब आप बैकफुट पर हैं और चीजें आपके हिसाब से नहीं हो रही तब आपके तरीकों की परीक्षा होती है. ऐसे में आपको एक लीडर के तौर पर शांत रहना होता है, रास्ता निकालना होता है और आगे जाना रहता है. मन के अंदर जो संदेह और असुरक्षित भावनाएं आती हैं उन्हें रोककर क्या हासिल होगा उस पर ध्यान देना होता है. अगर मन में संदेह आ गया तो फिर कोई मौका नहीं रहेगा. कोच के रूप में मेरा यही मानना है और कप्तान भी यही मानते हैं.'