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स्मिथ दूसरे नंबर पर
लिस्ट में दूसरे स्थान पर मार्नस के बाद स्टीव स्मिथ हैं, लेकिन स्मिथ ने 9 पारियां ज्यादा खेलने के बावजूद करीब 200 रन कम बनाए हैं. पिंक बॉल टेस्ट में लाबुशेन का औसत 63.93 है, जो टॉप-10 रन बनाने वालों में दूसरा सबसे बेहतरीन औसत है. हालांकि ये सारी लिस्ट ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों से भरी हुई है, क्योंकि डे-नाइट टेस्ट सबसे ज्यादा ऑस्ट्रेलिया ही खेलता है. हर साल एक पिंक बॉल टेस्ट तो लगभग पक्का होता है, जबकि बाकी देश बहुत कम खेलते हैं. इसी का नतीजा है कि गेंदबाज मिचेल स्टार्क भी अपनी बल्लेबाजी की वजह से टॉप-10 में जगह बना बैठे हैं.
डे/नाइट टेस्ट में सबसे ज्यादा रन (Top 10)
| खिलाड़ी | अवधि | मैच | पारी | नॉट आउट | रन | सर्वाधिक स्कोर | औसत | स्ट्राइक रेट | शतक | अर्धशतक | चौके | छक्के |
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| मार्नस लाबुशेन (ऑस्ट्रेलिया) | 2019–2025 | 10 | 16 | 0 | 1023 | 163 | 63.93 | 55.29 | 4 | 5 | 111 | 2 |
| स्टीव स्मिथ (ऑस्ट्रेलिया) | 2015–2025 | 14 | 25 | 3 | 833* | 130 | 37.86 | 52.02 | 1 | 5 | 102 | 4 |
| डेविड वॉर्नर (ऑस्ट्रेलिया) | 2015–2022 | 9 | 17 | 1 | 753 | 335* | 47.06 | 62.02 | 1 | 1 | 86 | 1 |
| ट्रेविस हेड (ऑस्ट्रेलिया) | 2019–2025 | 11 | 16 | 1 | 752 | 175 | 50.13 | 72.30 | 3 | 3 | 91 | 7 |
| जो रूट (इंग्लैंड) | 2017–2025 | 8 | 14 | 1 | 639 | 138* | 49.15 | 58.57 | 2 | 4 | 73 | 2 |
| उस्मान ख्वाजा (ऑस्ट्रेलिया) | 2016–2025 | 9 | 17 | 1 | 575 | 145 | 35.93 | 49.44 | 1 | 4 | 68 | 0 |
| अजहर अली (पाकिस्तान) | 2016–2019 | 4 | 8 | 1 | 474 | 302* | 67.71 | 53.92 | 1 | 2 | 43 | 2 |
| असद शफीक (पाकिस्तान) | 2016–2019 | 4 | 8 | 0 | 401 | 137 | 50.12 | 59.23 | 2 | 2 | 41 | 1 |
| दिमुथ करुणारत्ने (श्रीलंका) | 2017–2022 | 3 | 6 | 0 | 341 | 196 | 56.83 | 48.23 | 2 | 0 | 37 | 1 |
| मिचेल स्टार्क (ऑस्ट्रेलिया) | 2015–2025 | 15 | 20 | 6 | 326 | 53 | 23.28 | 76.70 | 0 |
पिंक बॉल से लगातार रन बनाना क्रिकेट के सबसे मुश्किल कामों में से एक है. गेंद ज्यादा स्विंग लेती है, चमक की वजह से सीम देखना मुश्किल हो जाता है और दिन के अलग-अलग समय में हालात बार-बार बदलते रहते हैं.
खुद मार्नस ने हाल में कहा, “पिंक बॉल थोड़ी अलग होती है. दिन के अलग-अलग वक्त में हालात बहुत असर डालते हैं. मुझे खुद नहीं पता कि मेरा रिकॉर्ड पिंक बॉल के खिलाफ इतना अच्छा क्यों है, लेकिन मुझे इससे खेलना मजा आता है. हर समय कुछ न कुछ मौका मिलता रहता है. बस आपको अपना खेल बदलते रहना पड़ता है, खुद को ढालना पड़ता है. कभी खेल शांत हो जाता है, कभी अचानक रफ्तार पकड़ लेता है.”

