मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) के मुख्य पिच क्यूरेटर मैथ्यू पेज ने स्वीकार किया कि ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच बॉक्सिंग डे (26 दिसंबर) टेस्ट के पहले दिन 20 विकेट गिरने के बाद वह सदमे में थे और नीरस ड्रॉ से बचने के लिए तेज गेंदबाजों के अनुकूल पिच तैयार की गई थी. इस मैच में शुरू से लेकर आखिर तक विकेटों की झड़ी लगी रही और मैच दो दिन में समाप्त हो गया. दो दिन में कुल 36 विकेट गिरे. इंग्लैंड ने इस मैच में ऑस्ट्रेलिया को चार विकेट से हराया.
एशेज सीरीज के 2017 में खेले गए मैच के नीरस ड्रॉ के रूप में समाप्त होने बाद एमसीजी पिच में नई जान डालने के लिए नियुक्त क्यूरेटर पेज ने रविवार को स्वीकार किया कि पिच पर 10 मिमी घास छोड़ना जरूरत से ज्यादा साबित हुआ. इसके कारण केवल 142 ओवरों में 36 विकेट गिरे.
सदमे में थे पेज
पेज की रविवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि पहले दिन के बाद मैं सदमे में था. हम निश्चित रूप से निराश हैं कि यह मैच केवल दो दिन तक चला. यह रोमांचक टेस्ट मैच था, लेकिन यह लंबा नहीं चला. हम इससे सबक लेंगे और अगले साल बेहतर विकेट तैयार करने की पूरी कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि मैं पहले कभी इस तरह के टेस्ट मैच का हिस्सा नहीं रहा और उम्मीद है कि भविष्य में मैं फिर से कभी इस तरह के टेस्ट मैच का हिस्सा नहीं रहूंगा.
2011 के बाद जीत
इंग्लैंड ने 2011 के बाद ऑस्ट्रेलिया में पहला टेस्ट मैच जीता, लेकिन इसके बावजूद उसके कप्तान बेन स्टोक्स ने गेंदबाजों के लिए बेहद अनुकूल पिच की कड़ी आलोचना की थी. पेज ने कहा कि हम जानते हैं कि यह मैच हमारी योजना के अनुसार नहीं चला. हमें पूरे चार-पांच दिन तक बल्ले और गेंद के बीच संतुलन बने रहने की उम्मीद थी ताकि इस मैच का रोमांचक अंत हो सके.

