भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने एक विशेष इंटरव्यू में अपने करियर के कई अनछुए पहलुओं पर खुलकर बात की है. उन्होंने 2011 वर्ल्ड कप जीत के बाद टीम से बाहर किए जाने के दर्द को साझा किया और 2012 की सीबी सीरीज के दौरान अपनाई गई विवादास्पद रोटेशन पॉलिसी पर सवाल उठाए. गंभीर ने खुलासा किया कि कैसे चयनकर्ता संदीप पाटिल ने उन्हें बताया कि उन्हें रनों की कमी के कारण नहीं, बल्कि उनकी 'बैटिंग स्टाइल' की वजह से टीम से बाहर किया गया था. इस बातचीत में उन्होंने पूर्व कप्तान एमएस धोनी के साथ अपने रिश्तों और मतभेदों पर भी चर्चा की. इसके अलावा, गंभीर ने IPL में अपने ऊपर लगे भारी प्राइस टैग के दबाव और खराब प्रदर्शन के बाद 3 करोड़ रुपये की सैलरी छोड़ने के फैसले पर भी बात की. उन्होंने 2009 में अपना 'मैन ऑफ द मैच' अवॉर्ड युवा विराट कोहली को देने के पीछे की वजह बताई और नेपियर टेस्ट में अपनी मैराथन पारी को याद किया, जो उनकी मानसिक दृढ़ता को दर्शाती है.
'दिल की सुनी, दिमाग की नहीं': Virat Kohli से लड़ाई और IPL सैलरी छोड़ने पर Gautam Gambhir ने तोड़ी चुप्पी
भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने एक विशेष इंटरव्यू में अपने करियर के कई अनछुए पहलुओं पर खुलकर बात की है. उन्होंने 2011 वर्ल्ड कप जीत के बाद टीम से बाहर किए जाने के दर्द को साझा किया और 2012 की सीबी सीरीज के दौरान अपनाई गई विवादास्पद रोटेशन पॉलिसी पर सवाल उठाए. गंभीर ने खुलासा किया कि कैसे चयनकर्ता संदीप पाटिल ने उन्हें बताया कि उन्हें रनों की कमी के कारण नहीं, बल्कि उनकी 'बैटिंग स्टाइल' की वजह से टीम से बाहर किया गया था. इस बातचीत में उन्होंने पूर्व कप्तान एमएस धोनी के साथ अपने रिश्तों और मतभेदों पर भी चर्चा की. इसके अलावा, गंभीर ने IPL में अपने ऊपर लगे भारी प्राइस टैग के दबाव और खराब प्रदर्शन के बाद 3 करोड़ रुपये की सैलरी छोड़ने के फैसले पर भी बात की. उन्होंने 2009 में अपना 'मैन ऑफ द मैच' अवॉर्ड युवा विराट कोहली को देने के पीछे की वजह बताई और नेपियर टेस्ट में अपनी मैराथन पारी को याद किया, जो उनकी मानसिक दृढ़ता को दर्शाती है.
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