भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर और पाकिस्तान के महान गेंदबाज़ वसीम अकरम ने एक विशेष चर्चा में अपने दौर के अनसुने किस्से साझा किए. तेंदुलकर ने 1989 के अपने डेब्यू टेस्ट को याद करते हुए बताया कि वसीम और वकार यूनुस की गेंदबाज़ी का सामना करने के बाद उन्हें लगा कि उनका करियर पहली ही पारी में खत्म हो जाएगा. वहीं, अकरम ने स्वीकार किया कि उन्होंने 16 वर्षीय सचिन को मानसिक रूप से विचलित करने के लिए स्लेजिंग का इस्तेमाल किया था. इस बातचीत में 2003 वर्ल्ड कप के महामुकाबले के भारी दबाव का भी ज़िक्र हुआ, जिसमें सचिन ने आइसक्रीम खाकर और संगीत सुनकर खुद को शांत रखा था. सचिन ने यह भी खुलासा किया कि कैसे 1994 में नवजोत सिंह सिद्धू के चोटिल होने पर उन्होंने कप्तान अज़हरुद्दीन से ओपनिंग करने का मौका मांगा, जो उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ बना. दोनों ने मैदान के बाहर अपनी गहरी दोस्ती और आपसी सम्मान पर भी बात की.
Sachin Tendulkar ने याद किया 1989 का वो खौफनाक डेब्यू और Wasim Akram की स्लेजिंग
भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर और पाकिस्तान के महान गेंदबाज़ वसीम अकरम ने एक विशेष चर्चा में अपने दौर के अनसुने किस्से साझा किए. तेंदुलकर ने 1989 के अपने डेब्यू टेस्ट को याद करते हुए बताया कि वसीम और वकार यूनुस की गेंदबाज़ी का सामना करने के बाद उन्हें लगा कि उनका करियर पहली ही पारी में खत्म हो जाएगा. वहीं, अकरम ने स्वीकार किया कि उन्होंने 16 वर्षीय सचिन को मानसिक रूप से विचलित करने के लिए स्लेजिंग का इस्तेमाल किया था. इस बातचीत में 2003 वर्ल्ड कप के महामुकाबले के भारी दबाव का भी ज़िक्र हुआ, जिसमें सचिन ने आइसक्रीम खाकर और संगीत सुनकर खुद को शांत रखा था. सचिन ने यह भी खुलासा किया कि कैसे 1994 में नवजोत सिंह सिद्धू के चोटिल होने पर उन्होंने कप्तान अज़हरुद्दीन से ओपनिंग करने का मौका मांगा, जो उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ बना. दोनों ने मैदान के बाहर अपनी गहरी दोस्ती और आपसी सम्मान पर भी बात की.
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