दिल्ली ने विजय हजारे ट्रॉफी के पहले राउंड में आंध्र को आसानी से हरा दिया. मैच खत्म होने के थोड़े देर बाद ही कप्तान ऋषभ पंत बीच के विकेट पर आ गए और खुलकर नेट प्रैक्टिस करने लगे. इन दिनों सबकी नजरें रोहित शर्मा और विराट कोहली पर हैं, लेकिन पंत अच्छे से जानते हैं कि उनकी वाइट-बॉल क्रिकेट की करियर के लिए ये टूर्नामेंट कितना जरूरी है. पंत, वनडे में केएल राहुल के बैकअप हैं, और टी20 वर्ल्ड कप तो दूर से देखना पड़ेगा क्योंकि दूसरा विकेटकीपर स्पॉट इशान किशन ले चुके हैं.
पंत ने फील्डर्स को खूब दौड़ाया
पंत ने इस दौरान लॉन्ग ऑन, कवर्स, रिवर्स स्वीप और मैदान के हर कोने में शॉट खेला. बॉल ब्वॉय पूरे मैदान पर अकेले दौड़ता रहा. इस बीच पंत ने कुछ ऐसे भी शॉट्स खेले जो दूसरे मैदान पर चले गए. इसके बाद पंत स्टाफ से कहते बस एक बार और फेंक दो, वहां नहीं मारूंगा और फिर अगली गेंद मार देते. पंत ने बॉल ब्वॉय को काफी दौड़ाया. अंत में दिल्ली के कोच सरनदीप सिंह को मैदान पर आना पड़ा और वो गेंद उठाने लगे. कोच बार बार घड़ी की तरफ इशारा करते लेकिन पंत नहीं मानते.
पंत के शॉट सेलेक्शन पर उठ चुके हैं सवाल
बता दें कि, आईपीएल के दौरान पूर्व भारतीय बैटिंग कोच संजय बंगार ने कहा था कि, “हमें मानना पड़ेगा कि ऋषभ अभी वाइट बॉल गेम, चाहे 50 ओवर का हो या टी20 को पूरी तरह समझ नहीं पाए हैं. ऋषभ की सबसे अच्छी पारियां देखो, वो कहां रन बनाते हैं? कवर्स से ड्राइव, पिच पर आगे बढ़कर साइटस्क्रीन के ऊपर या मिडविकेट की दिशा में. मुझे लगता है वो इसी उलझन में फंस गए और भूल गए कि उनका सबसे मजबूत खेल सीधा खेलना है.”
बता दें कि पंत के वनडे डेब्यू को आठ साल हो गए, लेकिन सिर्फ 31 मैच खेले हैं. आखिरी मैच अगस्त 2024 में खेला था. राहुल पहले विकेटकीपर हैं, इसलिए पंत जानते हैं कि न्यूजीलैंड सीरीज में जगह बनाने के लिए बड़े स्कोर चाहिए. विजय हजारे ट्रॉफी इसके लिए अच्छा मौका है. दिल्ली की टीम में ज्यादातर दाएं हाथ के बल्लेबाज हैं, ऐसे में पंत बहुत कुछ दे सकते हैं. अभी भारतीय टीम में लेफ्ट हैंडेड ऑप्शन के तौर पर अक्षर पटेल, वॉशिंगटन सुंदर और रवींद्र जडेजा हैं. पंत टीम इंडिया के लिए एक्स-फैक्टर हैं. लेकिन उन्हें अपने बल्ले से रन बनाना होगा.

