नई दिल्ली। भारत में इंडियन प्रीमियर लीग आने से कई युवा टैलेंट की खोज हुई है. इसमें से कुछ तो टीम इंडिया का हिस्सा भी हैं. ऐसे में टीम इंडिया के बल्लेबाज मनीष पांडे भी अपने करियर में ठीक यही सब देख चुके हैं. पांडे को आज भी एक ऐसे क्रिकेटर के रूप में याद किया जाता है जो आईपीएल में शतक लगाने वाले पहले भारतीय हैं. कर्नाटक की तरफ से रणजी खेलने वाले पांडे की आईपीएल में शतक लगाते ही किस्मत बदल गई थी, उस दौरान पांडे की उम्र मात्र 19 साल थी. लेकिन आज इस बल्लेबाज के लिए टीम इंडिया में एंट्री के सभी दरवाजे बंद हो चुके हैं. कारण है, लगातार नए बल्लेबाजों का टॉप प्रदर्शन करना तो वहीं पांडे का फ्लॉप रहना. मनीष पांडे को भारतीय टीम में कई मौके मिले लेकिन वो उसे भुनाने में कामयाब नहीं हो पाए. विजय हजारे ट्रॉफी में पांडे लगातार फेल हो रहे हैं लेकिन आज बंगाल के खिलाफ एक बार फिर उनका पुराना फॉर्म देखने को मिला.
कर्नाटक की तरफ से रविकुमार समर्थ और रोहन कदम ओपनिंग के लिए आए. दोनों बल्लेबाजों ने टीम को अच्छी शुरुआत नहीं दी. रविकुमार जहां 17 तो वहीं कदम भी 37 रन बनाकर आउट हो गए. इसके बाद कृष्णमूर्ति सिद्धार्थ भी 1 रन पर पवेलियन लौट गए. टीम 92 रनों पर ही टॉप 3 विकेट गंवा चुकी थी. इसके बाद पांडे ने पारी को संभाला और ताबड़तोड़ 90 रन बना दिए. लेकिन इसके बाद न तो करुण नायर, न ही श्रीनिवास शरथ और न ही कोई और बल्लेबाज टीम को बड़े स्कोर को ले जा पाया. 192 रनों के कुल स्कोर पर पांडे का विकेट गिरा. इसकेबाद सिर्फ प्रवीण दुबे ने ही 37 रन बनाए. टीम इस तरह 8 ओवरों में सिर्फ 252 रन ही बना पाई.

