IND vs WI: वेस्ट इंडीज की दूसरी पारी में तीन समेत दिल्ली टेस्ट में कुल आठ विकेट लेने वाले कुलदीप यादव की तारीफ करते हुए भारतीय टीम के उनके साथी वाशिंगटन सुंदर ने कहा कि कलाई का स्पिनर होने के कारण उन्हें पिच से दूसरे गेंदबाजों के मुकाबले ज्यादा मदद मिली. भारतीय गेंदबाजों को दूसरे और आखिरी टेस्ट में वेस्टइंडीज़ को दूसरी पारी में आउट करने के लिए 118.5 ओवरों की जरूरत पड़ी, क्योंकि अरुण जेटली स्टेडियम की पिच बल्लेबाजी के लिए आसान थी.
कुलदीप यादव को कैसे मिली ज्यादा मदद?
दिन का खेल समाप्त होने के बाद वाशिंगटन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा-
मुझे लगता है कि उन्होंने (कुलदीप) बहुत अच्छी गेंदबाजी की. कलाई के स्पिनर होने के नाते उन्हें इससे निश्चित रूप से पिच से अधिक मदद मिली.दूसरे गेंदबाजों ने भी अच्छी गेंदबाजी की. तेज गेंदबाजों को भी कड़ी मेहनत करनी पड़ी. इस पिच पर 20 विकेट चटकाना एक बड़ी उपलब्धि है.
सुंदर का कहना है कि कोटला की पिच के इस रवैये से उन्हें कोई हैरानी नहीं हुई, क्योंकि यहां सालों से ऐसा ही होता आया है. उन्होंने कहा-
मैं कहूंगा कि यह दिल्ली की पारंपरिक विकेट जैसी ही है. जहां ज्यादा उछाल नहीं है और जाहिर है कि इस मैच में भी स्पिनरों को ज्यादा टर्न नहीं मिली. अलग-अलग मैदानों पर परिस्थितियां काफी अलग होती है और यही इस फॉर्मेट की खास खूबसूरती है.
भारतीय गेंदबाजों को कितने ओवर गेंदबाजी करनी पड़ी?
वेस्टइंडीज को फालोऑन दिये जाने के कारण भारतीय गेंदबाजों को लगभग 200 ओवर लगातार गेंदबाजी करनी पड़ी. वाशिंगटन ने कहा कि इंग्लैंड दौरे के बाद टीम इस तरह की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है.उन्होंने कहा कि इंग्लैंड सीरीज में हमें इसका अनुभव मिल गया था. हमें पता था कि मैदान पर 180 से 200 ओवर तक फील्डिंग करते हुए कैसे डटे रहना है.हमने इंग्लैंड में नियमित तौर पर ऐसा किया था.