रवींद्र जडेजा भारतीय टेस्ट टीम में अभी सबसे सीनियर खिलाड़ी हैं. उन्हें वेस्ट इंडीज के खिलाफ दो टेस्ट की सीरीज के लिए उपकप्तान बनाया गया. रवींद्र जडेजा ने कहा कि वह भारतीय टीम की कप्तानी और उपकप्तानी को लेकर नहीं सोचते हैं. इसका समय जा चुका है. जडेजा ने 2009 में भारत के लिए खेलना शुरू किया था लेकिन उन्होंने किसी भी मुकाबले में कप्तानी नहीं की. आईपीएल में भी वे एक ही सीजन कप्तान थे और इसमें भी बीच में ही हट गए थे.
जडेजा से वेस्ट इंडीज के खिलाफ दिल्ली टेस्ट के दूसरे दिन के खेल के बाद कप्तानी और उपकप्तानी को लेकर सवाल किया गया. उन्होंने कहा कि अभी वह कप्तानी का सोचने की जगह युवाओं की मदद करने पर ध्यान देते हैं. वह जो भी मिला है उससे खुश हैं.
रवींद्र जडेजा का टीम इंडिया की कप्तान पर जवाब
जडेजा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'अभी मैं कप्तानी और उपकप्तानी के बारे में सोचता ही नहीं हूं. मेरे ख्याल से इसका समय तो बहुत पहले ही चला गया. अभी तो जो टीम को जरूरत होती है उस पर ध्यान रहता है. कभी कोई युवा आकर मुझे बात करता है. जैसे कुलदीप (यादव) बॉलिंग के बारे में पूछता है तो मुझे जो लगता है उसका ओपिनियन देता हूं. बैटिंग में यशस्वी जायसवाल आकर पूछता है. कोई भी नौजवान आकर पूछता है तो मैं अपना बताता हूं कि मुझे क्या लगता है और कैसा लग रहा है. विकेट और कंडीशन के हिसाब से कहां और कैसे खेलना है वह बताता हूं. अभी कप्तानी और उपकप्तानी का बिल्कुल नहीं सोचता हूं. जो भी मिल रहा है उससे खुश हूं और निकल जाता हूं.'
जडेजा ने बताया बॉलिंग-बैटिंग में क्या पसंद
जडेजा ने ऑलराउंडर की भूमिका में खेलने को लेकर कहा कि वह जिस तरह की पिच होती है उसके हिसाब से खेल को ढाल लेते हैं. जब बैटिंग को मदद मिलती है तो उसके हिसाब से खेलते हैं. अगर बॉलिंग फ्रेंडली पिच है तो फिर गेंद से टीम के लिए काम करने पर ध्यान देते हैं.