WTC Final: केशव महाराज नतीजे से पहले हो गए भावुक, ICC से बात करते हुए नहीं रोक पाए आंसू, बोले- हमने बहुत कुछ सहा..., देखिए Video

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keshav maharaj

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ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी 207 रन पर सिमटी जिससे साउथ अफ्रीका को 282 का लक्ष्य मिला.

एडन मार्करम ने शतक और टेम्बा बवुमा ने फिफ्टी लगाकर साउथ अफ्रीका को जीत के मुहाने पर पहुंचाया.

वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल 2025 का नतीजा अभी निकलना है. साउथ अफ्रीका जीत के करीब है लेकिन उसे अभी 69 रन बनाने होंगे. वहीं ऑस्ट्रेलिया को आठ विकेट चाहिए होंगे. साउथ अफ्रीका की ओर से एडन मार्करम और टेम्बा बवुमा फिर से पारी को आगे बढ़ाने उतरेंगे. इन दोनों ने तीसरे दिन के खिलाफ 143 रन की अटूट साझेदारी करते हुए टीम को जीत की राह पर डाला. साउथ अफ्रीका के स्पिनर केशव महाराज से जब पूछा गया कि अगर उनकी टीम जीतती है तो कैसा महसूस होगा. आईसीसी से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह जीत बहुत कुछ होगी. हालांकि वे यह कहते हुए भावुक हो गए.

महाराज ने आईसीसी से माफी मांगी की और कहा कि वह उनकी आंखों में आंसू हैं. उन्होंने कहा, '(जीत) इसका मतलब सबकुछ होगा. न केवल हमारे लिए या फैंस के लिए बल्कि स्वदेश में भी सबके लिए यह बहुत कुछ होगा. इस देश को आईसीसी फाइनल ट्रॉफी उठाते हुए देखे बहुत लंबा समय हो चुका है. मुझे माफ करना, मेरी आंखों में आंसू आ गए लेकिन मुझे लगता है कि इसका हिस्सा बना सम्मान की बात है क्योंकि हमने एक देश के रूप में बहुत कुछ सहा है. और इसे (ट्रॉफी) को आते हुए देखना... अभी ज्यादा आगे नहीं देखना चाहिए लेकिन इसके बहुत करीब हैं. यह काफी खास भावना है. काफी खास.' 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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महाराज ने मार्करम को सराहा

 

साउथ अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया को दूसरी पारी में 207 रन पर समेटा. इससे उसे जीत के लिए 282 रन का लक्ष्य मिला. लॉर्ड्स के मैदान पर 2005 के बाद 200 प्लस का स्कोर हासिल नहीं हुआ है. लेकिन मार्करम और बवुमा ने साहसी बल्लेबाजी करते हुए इस खिताबी मुकाबले में पहली बार साउथ अफ्रीका को ऑस्ट्रेलिया से आगे कर दिया. महाराज ने मार्करम की तारीफ की और कहा, 'एडन की तारीफ होनी चाहिए. मैंने आज उसकी आंखों में अलग तरह की तमन्ना और फोकस देखा. वह बड़े मैच का खिलाड़ी है और बड़े खिलाड़ी इस तरह के मौके पर आगे आते हैं और अपनी गलतियों को फौरन ठीक करते हैं. उसके लिए यहां फाइनल में लॉर्ड्स के मैदान पर एक ऐसी टीम के खिलाफ जिसने शायद कभी फाइनल नहीं हारा, शतक लगाने से बेहतर क्या मौका होता.'

महाराज ने अपने कप्तान बवुमा के बारे में कहा, 'वह थोड़ा चोटिल है लेकिन वह योद्धा है और एडन का साथ देने के लिए डटा रहा. यह सुनकर अच्छा लगा कि किस तरह से उन्होंने चाय के ब्रेक के बाद एक दूसरे का साथ दिया. टेम्बा पूरी ताकत से नहीं दौड़ सकते लेकिन एडन ने उनका साथ नहीं छोड़ा.'