नई दिल्ली। जिम्बाब्वे की टीम ने जब सीरीज की शुरुआत की तब से ही टीम यहां श्रीलंका के खिलाफ एक कमजोर नजर आ रही थी लेकिन दूसरे वनडे मैच में टीम ने जीत दर्ज कर टूर्नामेंट को सीरीज डिसाइडर तक पहुंचा दिया. अंतिम मैच टीम के लिए बेहद शर्मनाक रहा जहां टीम को 184 रनों से बड़ी हार झेलनी पड़ी और सीरीज भी गंवानी पड़ी. ओपनर गेंदबाज दुशमंथा चमीरा और महीश थिकशाना ने श्रीलंकाई टीम के लिए लय बनाया. इस दौरान चमीरा ने एक ही ओवर की अपनी दो गेंदों पर दो विकेट लेकर कमाल कर दिया. रेजिस चकाबवा का एड्ज लगा और वो 1 रन पर पवेलियन लौट गए. इसकी अगली ही गेंद पर उन्होंने खतरनाक दिख रहे क्रेग एर्विन को पवेलियन भेजा.
स्पिनर्स का कमाल
सीन विलियम्स को 6 रन पर बोल्ड करते ही टीम ने यहां 30 रन पर टॉप के 4 बल्लेबाजों का विकेट गंवा दिया था. इसके बाद भी टीम की मुश्किलें कम नहीं हुई. श्रीलंका के लेग स्पिनर जेफ्रे वांडरसे ने यहां टीम पर पूरी तरह नकेल कसा. ताकुदज़्वानाशे कैटानो ने टीम को संभालने की कोशिश की लेकिन वो भी 19 पर स्टम्प आउट हो गए. अब जिम्बाब्वे की पूरी उम्मीद खत्म हो गई. रयान बर्ल इकलौते ऐसे बल्लेबाज निकले जिन्होंने 15 रन बनाए नहीं तो इनके अलावा टीम का एक भी बल्लेबाज कमाल नहीं दिखा पाया. टीम के 10 बल्लेबाजों ने मिलकर सिर्फ 28 रन ही बनाए. लंकाई गेंदबाजों में थिकसाना को जहां 1, रमेश मेंडिस को 2 और वांडरसे ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए सबसे ज्यादा 4 विकेट झटके. जिम्बाब्वे का फाइनल विकेट 25वें ओवर में गिरा जब टीम 70 रनों पर ऑलआउट हो गई. इस तह टीम को 184 रनों से हार झेलनी पड़ी.
श्रीलंका की कमाल की गेंदबाजी
तीसरे वनडे में श्रीलंकाई टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. पहले बल्लेबाजी करने उतरी मेजबान टीम की तरफ से उसके ओपनर पथुम निसंका ने 66 गेंदों में 55 रनों की पारी खेली. जबकि पांचवें नंबर पर बैटिंग करने आए चरिथ असालंका ने 56 गेंदों में 52 रनों की बेहतरीन पारी खेली. अंत में चमिका करुणारत्ने ने 30 रन बनाए जिसके दम पर श्रीलंकाई टीम ने 50 ओवर में 9 विकेट खोकर 254 रन का स्कोर खड़ा किया. टीम की तरफ से चरिथ असालंका 'मैन ऑफ द मैच' बने.