जिनके सपनों में जान होती है मंजिल उन्हीं को मिलती है. सिर्फ पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है. फुटबॉल के स्टार खिलाड़ी लियोनल मेसी ने बचपन में जो वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना देखा था. वह अब साकार हो चुका है. साल 1986 के 36 साल बाद अर्जेंटीना ने उनके दमदार प्रदर्शन से फीफा वर्ल्ड कप 2022 ट्रॉफी को अपने नाम किया. इस तरह साल 2006 से फीफा वर्ड कप खेलने वाले मेसी की टीम अर्जेंटीना ने मैच में 3-3 की बराबरी के बाद फ्रांस को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से हराया. अर्जेंटीना ने तीसरी बार फीफा वर्ल्ड कप के खिताब पर कब्जा जमाया. साल 1978 और 1986 में भी अर्जेंटीना की टीम वर्ल्ड कप ट्रॉफी पर कब्जा जमा चुकी है. साल 2018 की विजेता फ्रांस रोमांचक मैच में हारकर इस बार रनर अप रही. पूरे मैच के दौरान मेसी ने जहां दो गोल किए तो एम्बापे ने भी तीन गोल से हैट्रिक पूरी करके 8 गोल के साथ गोल्डन बूट पर कब्ज़ा जमाया मगर वह टीम को ट्रॉफी नहीं दिला सके. पेनल्टी में अर्जेंटीना के लिए मेसी, पाउलो डिबाला, लिएंड्रो परेडेस और मोंटियल ने गोल किए. जबकि फ्रांस की तरफ से एम्बापे और रेंडेल कोलो मुआनी ने गोल किया. वहीं किंग्सले कोमैन व औरिलियन चौमेनी के गोल ना कर पाने से फ्रांस के लगातार दूसरी बार वर्ल्ड कप जीतने का सपना धरा रह गया.
डायमंड फॉर्मेशन से फिर उतरी अर्जेंटीना
कतर के लुसैल आइकॉनिक स्टेडियम में जैसे ही अर्जेंटीना का फॉर्मेशन (4-4-2) नजर आया. वहीं से पता चलने लगा था कि उनकी टीम पहले हाफ में कुछ बड़ा करने वाली है. अर्जेंटीना की टीम ने सेमीफाइनल मैच में जिस डायमंड फॉर्मेशन से क्रोएशिया को हराया था. ठीक उसी प्लान के साथ फ्रांस के खिलाफ अटैक करने का प्लान बनाया. इसके जवाब में फ्रांस का फॉर्मेशन (4-2-3-1) था. यानि कि मिडफील्ड में जहां अर्जेंटीना के चार खिलाड़ी थी. वहीं फ्रांस ने इसके मुकाबले दो ही मिडफील्डर उतारे जो कि उसके लिए चुनौती थी.
21वें मिनट में फ्रांस से हुई बड़ी गलती
फ्रांस के दो मिडफील्डर के सामने अर्जेंटीना के चार मिडफील्ड खिलाड़ियों ने दबाव बनाया और शुरू से ही अटैक करना जारी रखा. इसका नतीजा यह रहा कि मैच के 21वें मिनट में दबाव के चलते फ्रांस के फॉरवर्ड खिलाड़ी उस्मान डेम्बेले बड़ी गलती कर बैठे और पेनल्टी एरिया में अर्जेंटीना के एंजेल डि मारिया से टकरा गए. जिसके चलते अर्जेंटीना को मैच में पहला गोल करने के लिए पेनल्टी जैसा गोल्डन चांस मिल गया.
मेसी ने पेनल्टी से खोला खाता
फ्रांस के खिलाफ मैच के 23वें मिनट में पेनल्टी लेने के लिए अर्जेंटीना के स्टार खिलाड़ी लियोनल मेसी आए और उन्होंने अंतिम पल पर अपने पैरों से जादूई शॉट लगाते हुए मैच में गोल दाग डाला. इस तरह मेसी के गोल करते ही कतर के स्टेडियम में अर्जेंटीना के फैंस ख़ुशी से खूम उठे और चारो तरफ मेसी, मेसी..के नारे लगा रहे थे. इस तरह मेसी ने पेनल्टी के गोल से जहां अर्जेंटीना को 1-0 की बढ़त दिलाई. वहीं फीफा वर्ल्ड कप के इतिहास का अपने करियर का 12वां गोल किया और इस मामले में ब्राजील के महान खिलाड़ी पेले की बराबरी कर डाली. पेले के नाम भी फीफा वर्ल्ड कप में 12 गोल हैं. जिनके मुकाम पर मेसी ने कदम रखा.
एंजेल का चला जादू
इस तरह मैच में 1-0 से आगे होने के बाद अर्जेंटीना के खिलाड़ियों ने डिफेंस के बजाए फिर से फ्रांस को घेरना शुरू कर डाला. जिसका नतीजा भी मिला और पहला गोल करने के 13 मिनट बाद ही अर्जेंटीना ने फिर से फ्रांस को बैकफुट पर धकेल डाला. इस बार अर्जेंटीना के एलेक्सिस मैक एलिस्टर ने शानदार असिस्ट किया और एंजेल डि मारिया को पास दिया. एंजेल ने अकेले भागते हुए फ्रांस के गोलकीपर लौरिस को चकमा देते हुए मैच के 36वें मिनट में दूसरा गोल दाग डाला. इस तरह अर्जेंटीना ने अब फ्रांस के खिलाफ 2-0 की मजबूत बढ़त बनाई.
फ्रांस नहीं कर सकी एक भी अटैक
ऐसे में दो गोल करने वाली अर्जेंटीना ने पहले हाफ के अंत तक बढ़त बनाए रखी और फ्रांस को कहीं से भी गोल करने का मौक़ा नहीं दिया. फ्रांस के खिलाड़ी अर्जेंटीना के चार मिडफील्डर और चार डिफेंस के दमखम को टक्कर नहीं दे पाए. जिसका आलम यह रहा कि पहले हाफ में अर्जेंटीना ने जहां कुल 6 शॉट्स लगाए और दो गोल हासिल किए. वहीं फ्रांस के खिलाड़ी पहले हाफ में एक भी शॉट्स नहीं लगा सके.
एक मिनट में एम्बापे ने पलटी बाजी
मैच के दूसरे हाफ में फ्रांस ने वापसी करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी और उसका नतीजा भी उन्हें मिला. मैच के 80वें मिनट में अर्जेटीना के खिलाड़ी निकोलस ओटामेंडी बड़ी गलती कर बैठे और पेनल्टी एरिया में फाउल करके फ्रांस को बड़ा मौका दे दिया. इस तरह फ्रांस के लिए मैच के 80वें मिनट में एम्बापे ने पेनल्टी को बेहतरीन अंदाज में गोल में तब्दील करके टीम की वापसी कराई. हालांकि इसके ठीक एक मिनट बाद फिर से एम्बापे का जादू चला और उन्हने मैच का दूसरा गोल दागकर अर्जेंटीना को जीत से दूर कर दिया. इस तरह मैच 2-2 की बराबरी पर आ गया. इसके बाद दोनों टीमें कोई गोल नहीं कर सकी और मैच 2-2 की बराबरी से एक्स्ट्रा टाइम की तरफ बढ़ गया. पूरे मैच में अर्जेंटीना ने जहां 12 शॉट्स में से 7 टारगेट पर लगाए और दो गोल हासिल कए. वहीं फ्रांस ने दूसरे हाफ सहित कुल 6 शॉट्स लगाकर तीन टारगेट पर शॉट्स लगाए और दो गोल हासिल किए.
एक्स्ट्रा टाइम में मेसी का धमाल
30 मिनट के एक्स्ट्रा टाइम के पहले हाफ में कोई गोल नहीं हुआ. इसके बाद दूसरे हाफ में आते ही मेसी का जादू अंत में फिर से चला और उन्होंने मैच के 108वें मिनट में गोल पोस्ट के बहत करीब से अपना दूसरा जबकि अर्जेंटीना के लिए तीसरा गोल कर डाला. जिसके चलते अब अर्जेंटीना मैच में 3-2 से आगे हो चुका था. इस गोल के साथ ही मेसी ने इस वर्ल्ड कप का 7वां जबकि अपने करियर का फीफा वर्ल्ड कप में 13वां गोल करके पेले (12 गोल) को पछाड़ डाला.
एम्बापे की हैट्रिक
मेसी के गोल के बाद अर्जेंटीना से फिर एक बड़ी गलती हुई और मैच में फ्रांस को दूसरी पेनल्टी दे बैठे. इसके चलते फ्रांस के लिए फिर से एम्बापे पेनल्टी लेने आए और उन्होंने इसे गोल में तब्दील करके मैच को फिर से 3-3 की बराबरी ला दिया. इस तरह मैच का उतार-चढ़ाव और रोमांच अपने चरम पर था और अंतिम मिनट तक कोई टीम जीतती नजर नहीं आ रही थी. एम्बापे ने पेनल्टी को गोल में बदलकर इस मैच का तीसरा गोल दागकर हैट्रिक लगा डाली. जबकि फीफा वर्ल्ड कप 2022 का अपना 8वां गोल दाग डाला. जिसके बाद मैच में कोई गोल नहीं हुआ अब पेनल्टी शूटआउट की तरफ इसका रोमांच बढ़ गया.
पेनल्टी शूटआउट का रोमांच
रोमांचक फाइनल में फ्रांस की तरफ से सबसे पहले एम्बापे पेनल्टी लेने आए और उन्होंने फ्रांस को 1-0 से आगे कर दिया. इसके बाद मेसी ने भी पेनल्टी को गोल में तब्दील करके स्कोर 1-1 कर दिया. जिसके बाद किंग्सले कोमैन के शॉट को अर्जेंटीना के गोलकीपर मार्टिनेज ने रोक दिया. तभी अर्जेंटीना की तरफ से पाउलो डिबाला ने पेनल्टी को गोल में बदलकर टीम को 2-1 से आगे कर दिया. फ़्रांस की तरफ से तीसरी पेनल्टी लेने औरिलियन चौमेनी आए और वह भी मिस कर गए. इस तरह मेसी की अर्जेंटीना अभी भी 2-1 से आगे रही. तभी अर्जेंटीना के लिएंड्रो परेडेस ने भी गोल करके टीम को 3-1 से आगे कर दिया. इसके बाद रेंडेल कोलो मुआनी ने गोल करके स्कोर 3-2 कर दिया. इसके बाद अर्जेंटीना के लिए गोंजालो मोंटिएल आए और गोल करके अर्जेंटीना व मेसी के सपने को साकार कर डाला. जिसके चलते अर्जेंटीना ने 4-2 से पेनल्टी के साथ-साथ 36 साल बाद वर्ल्ड कप ट्रॉफी को अपने नाम किया.