FIFA World Cup : किसे मिला गोल्‍डन बूट, गोल्‍डन बॉल और गोल्‍डन ग्‍लव्‍स का अवार्ड, जानिए क्यों दिया जाता है ये सम्मान

FIFA World Cup : किसे मिला गोल्‍डन बूट, गोल्‍डन बॉल और गोल्‍डन ग्‍लव्‍स का अवार्ड, जानिए क्यों दिया जाता है ये सम्मान

कतर में खेले गए फीफा वर्ल्ड कप 2022 (FIFA World Cup 2022) के फाइनल में भी लियोनल मेसी का मैजिक देखने को मिला. जिसके चलते उनकी टीम अर्जेंटीना ने वर्ल्ड कप के 92 सालों के इतिहास में तीसरी बार कब्जा जमाया है. जबकि फ्रांस की टीम लगातार दूसरी बार कब्ज़ा जमाने से चूक गई. इस वर्ल्ड कप की ट्रॉफी के साथ ही साल 2006 से फीफा वर्ल्ड कप खेलने वाले लियोनल मेसी के ट्रॉफी जीतने का सपना भी पूरा हो गया. ऐसे में फीफा वर्ल्ड कप की समाप्ति के बाद जानते हैं कि किन-किन खिलाड़ियों को गोल्‍डन बूट, गोल्‍डन बॉल और गोल्‍डन ग्‍लव्‍स के अवार्ड से नवाजा गया और किस कारण खिलाड़ियों को ये अवार्ड दिया जाता है.

 

गोल्डन बूट :- फीफा वर्ल्ड कप की समाप्ति के बाद दिए जाने वाले गोल्डन बूट की बात करें तो ये अवार्ड वर्ल्ड कप के एक एडिशन में सबसे ज्यादा गोल दागने वाले खिलाड़ी को दिया जाता है. जिसमें सोने से बना हुआ जूता होता है और इससे खिलाड़ी को सम्मानित किया जाता है. इस अवार्ड की शुरुआत साल 1982 से हुई थी. जिस पर रनरअप रहने वाली फ़्रांस के स्टार खिलाड़ी कायलियन एम्बापे ने पूरे टूर्नामेंट के दौरान कुल 8 गोल करके कब्जा जमाया. जिसमें फाइनल मैच में उन्होंने तीन गोल भी किए. एम्बापे से पीछे इस रेस में 7 गोल के साथ लियोनल मेसी रहे.

 

गोल्डन बॉल :- फीफा वर्ल्ड कप की समाप्ति एक बाद गोल्डन बॉल की बात करें तो ये अवार्ड उस खिलाड़ी को दिया जाता है. जिसका पूरे वर्ल्ड कप के दौरान सबसे बेस्ट प्रदर्शन होता है. यानि प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट के अवार्ड को फुटबॉल में गोल्डन बॉल से सम्मानित किया जाता है. इस अवार्ड के रूप में खिलाड़ी को सोने की एक गेंद गिफ्ट के तौरपर दी जाती है. इस अवार्ड की भी शुरुआत साल 1982 फीफा वर्ल्ड कप से हुई थी. जिसे अर्जेंटीना के स्टार खिलाड़ी लियोनल मेसी को दिया गया. 

 

गोल्डन ग्ल्व्स :- फीफा वर्ल्ड कप की समाप्ति के गोल्डन ग्लव्स का भी अवार्ड दिया जाता है. ये अवार्ड खासतौर पर गोलकीपर के लिए होता है. जो भी गोलकीपर पूरे वर्ल्ड कप के दौरान सबसे बेहतरीन गोलकीपिंग करता है. उसे इस अवार्ड से नवाजा जाता है. साल 1994 में इस अवार्ड की शुरुआत लेव याशिन के सम्मान में हुई थी और साल 2010 वर्ल्ड कप में इसका नाम बदलकर गोल्डन ग्लव्स कर दिया गया था. इस बार अर्जेंटीना के दमदार गोलकीपर एमिलियानो मार्टिनेज को गोल्डन ग्लव्स से नवाजा गया.