इगोर स्टिमाक और अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के बीच एक समझौता हुआ है जिसके तहत राष्ट्रीय टीम के पूर्व मुख्य कोच को नौकरी से निकाले जाने के मुआवजे के तौर पर कर लगाए जाने के बाद 400,000 अमेरिकी डॉलर (करीब 3.36 करोड़ रुपये) मिलेंगे. एआईएफएफ ने स्टिमक को जून में बर्खास्त कर दिया था. उनका अनुबंध समाप्त होने से ठीक एक साल पहले समाप्त कर दिया था क्योंकि टीम अपेक्षाकृत आसान ड्रॉ मिलने के बावजूद फीफा विश्व कप क्वालीफायर के दूसरे दौर से बाहर हो गई थी.
बर्खास्तगी के बाद स्टिमाक और एआईएफएफ के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी जिसमें क्रोएशियाई खिलाड़ी ने 10 दिन के अंदर बकाया नहीं चुकाने की स्थिति में महासंघ पर मुकदमा दायर करने की धमकी दी थी. हालांकि अब दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया है. इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने 8 सितंबर को पीटीआई को बताया, ‘एआईएफएफ के शीर्ष अधिकारियों ने एआईएफएफ के साथ मामले को सुलझाने के लिए मुआवजे के तौर पर 400,000 अमेरिकी डॉलर के भुगतान को मंजूरी दे दी है.’
यह उस महासंघ के लिए काफी बड़ी रकम है जो हाल के दिनों में फंड के लिए संघर्ष कर रही थी और उसने इस साल अपने प्रतियोगिता बजट में कटौती की है. इससे पहले एआईएफएफ ने उनकी बर्खास्तगी के बाद मुआवजे के तौर पर तीन महीने का वेतन देने की पेशकश की थी लेकिन स्टिमाक ने इनकार कर दिया था. फिर उन्होंने फीफा से पिछले महीने एफआईएफएफ से दो साल के वेतन के तौर पर 920,000 अमेरिकी डॉलर (करीब 7.72 करोड़ रुपये) मांगे.
एआईएफएफ ने स्टिमाक (57 साल) को 2019 में मुख्य कोच नियुक्त किया गया था और पिछले साल अक्टूबर में उनका कार्यकाल 2026 तक बढ़ा दिया था. पर एक शर्त रखी थी कि अगर टीम एशियाई कप के क्वार्टर फाइनल में पहुंचती है तो उन्हें ही उनका कार्यकाल बढ़ाया जाएगा. लेकिन टीम ऐसा नहीं कर सकी. अब स्टिमाक की जगह मनोलो मार्केज को भारतीय पुरुष टीम का कोच बनाया गया है. स्टिमक ने पहले एआईएफएफ के पांच और फिर 10 महीने के वेतन पर समझौता करने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था.