फुटबॉल के महासमर में कदम दर कदम शहसवारों को मात देती आई मोरक्को की टीम के सामने विश्व कप सेमीफाइनल में गत चैम्पियन फ्रांस की चुनौती है और इस तिलिस्म को तोड़ना उसके लिए कतई आसान नहीं होगा. ग्रुप चरण में दूसरी रैकिंग वाली बेल्जियम के बाद यूरोपीय दिग्गज स्पेन और पुर्तगाल को नॉकआउट चरण में हराने वाली मोरक्को टीम ने अपने देश के फुटबॉल का सबसे सुनहरा अध्याय लिखा है. विश्व कप सेमीफाइनल में जगह बनाने वाली अफ्रीका की पहली टीम मोरक्को पर 1912 से 1956 के बीच फ्रांस का शासन रहा है लिहाजा इस मैच की सांस्कृतिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि भी है.
फ्रांस के पास किलियन एमबाप्पे जैसा स्टार स्ट्राइकर है जो लियोनेल मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो जैसे सितारों के दौर में अपनी चमक बिखेरने में कामयाब रहा है. इस फिफा विश्व कप 2023 में अब तक सर्वाधिक पांच गोल करके वह गोल्डन बूट की दौड़ में सबसे आगे है. फ्रांस और मोरक्को में जो भी जीतेगा वह इतिहास बनाएगा. फ्रांस जीता तो करीब पांच दशक बाद कोई डिफेंडिंग चैंपियन फाइनल खेलेगा. वहीं मोरक्को जीता तो फाइनल में पहुंचने वाला पहला अफ्रीका देश बनेगा.
फ्रांसीसी मूल के मोरक्को के कोच वालिद रेग्रागुइ ने कहा, ‘मुझे पूछा गया था कि क्या हम विश्व कप जीत सकते हैं तो मैंने कहा कि क्यों नहीं. हम सपना देख सकते हैं और सपने देखने में कोई हर्ज नहीं. यूरोपीय देश ही विश्व कप जीतते आये हैं और हमने टॉप टीमों के खिलाफ खेला है. यह आसान नहीं था. अब हर टीम हमसे डरी हुई होगी.’
मोरक्को के खिलाफ गोल करना मुश्किल
दूसरी ओर इंग्लैंड के खिलाफ कठिन सेमीफाइनल मैच जीतकर यहां तक पहुंची फ्रांस के लिये मोरक्को के खिलाफ गोल करना आसान नहीं होगा. मोरक्को ने अभी तक इस विश्व कप में एक भी गोल नहीं गंवाया है. एकमात्र गोल कनाडा के खिलाफ ग्रुप चरण में आत्मघाती गोल था.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मेक्रॉ भी यह मैच देखने अल बायत स्टेडियम पहुंच सकते हैं. मोरक्को के प्रशंसक हजारों की तादाद में यहां पहुंचे हुए हैं यानी मैदान हरे और लाल रंग से भरा होगा. फ्रांस के सेंटर बैक रफेल वरान ने कहा कि उनकी टीम आत्ममुग्धता की शिकार नहीं है और विरोधी को कतई हलके में नहीं लेगी. उन्होंने कहा, ‘मोरक्को यहां तक तकदीर के सहारे नहीं पहुंची है. वह शानदार टीम है और हम इस जंग के लिये तैयार हैं.’