Intercontinental Cup: भारत और लेबनान के बीच खिताबी टक्कर, सुनील छेत्री की टीम के पास 2018 की कामयाबी दोहराने का मौका

Intercontinental Cup: भारत और लेबनान के बीच खिताबी टक्कर, सुनील छेत्री की टीम के पास 2018 की कामयाबी दोहराने का मौका

भारतीय फुटबॉल टीम (Indian Football Team) इंटरकांटिनेंटल कप (Intercontinental Cup) के फाइनल में रविवार (18 जून) को जब लेबनान के खिलाफ मैदान में उतरेगी उसके सामने 2018 की सफलता को दोहराने की चुनौती होगी. यह मुकाबला इस लिए भी रोमांचक होगा क्योंकि भारतीय कोच इगोर स्टिमक और लेबनान के उनके समकक्ष अलेक्जेंडर इलिक स्पेन के क्लब सिडिज सीएफ के लिए 1994 में एक साथ खेल चुके हैं. दोनों एक दूसरे का पूरा सम्मान करते हैं लेकिन स्टिमक चाहेंगे कि फाइनल में उनकी टीम लेबनान के खिलाफ राउंड रोबिन मैच के दौरान की गयी गलतियों को ना दोहराये. गुरुवार को खेले गये इस मुकाबले में भारतीय टीम के पास गोल करने के दो आसान मौके थे लेकिन टीम इसे भुनाने में नाकाम रही थी.

अनिरुद्ध थापा इस मैच के चौथे मिनट में आसान मौके पर चूक गए थे. यही चीज दिग्गज सुनील छेत्री के साथ भी हुई. क्रोएशिया के इस कोच ने मंगोलिया, वनुआतु और लेबनान के खिलाफ अब तक के सभी तीन मैचों में टीम में बड़ा बदलाव किया और उनकी इस तरह की रणनीति खिताबी मुकाबले में भी आश्चर्यचकित कर सकती है. भारत ने 2018 में इस टूर्नामेंट के फाइनल में कीनिया को 2-0 से हराकर खिताब जीता था लेकिन 2019 में इसके अगले सत्र में टीम चौथे और अंतिम स्थान पर रही थी.

लेबनान के खिलाफ पिछले मैच में किए 10 बदलाव

 

फ्रांस में 1998 में खेले गये विश्व कप में तीसरे स्थान पर रही क्रोएशियाई टीम के सदस्य रहे स्टिमक ने कहा, ‘हमने खिलाड़ियों को एक ही संदेश दिया है कि शांत और एकाग्र रहें. अपनी नजर गेंद पर रखें और सुनिश्चित करें कि मौकों को गोल में बदला जाए.’ उन्होंने कहा कि टीम के लिए एकमात्र चिंता की बात इशान पंडिता का चोटिल होना है. पंडिता को वनुआतु के खिलाफ मैच में जांघ पर चोट लग गयी थी.