केरल (Kerala) ने संतोष ट्रॉफी (Santosh Trophy) फुटबॉल टूर्नामेंट के बेहद ही रोमांचक फाइनल मुकाबले के पेनल्टी शूटआउट (Penalty Shootout) में पश्चिम बंगाल (West Bengal) को 5-4 से हराकर खिताब अपने नाम किया. एक्सट्रा टाइम में केरल ने पिछड़ने के बाद मैच खत्म होने से कुछ समय पहले बराबरी का गोल दागा. मैच के 97वें मिनट में दिलीप ओराव ने हेडर से गोलकर बंगाल का खाता खोला. केरल ने हालांकि मैच खत्म होने से चार मिनट पहले बंगाल की रक्षापंक्ति में सेंध लगाते हुए बराबरी का गोल दाग दिया. उसके लिए यह गोल नौफल पीएन ने किया.
पेनल्टी शूटआउट में बंगाल को मिली हार
टूर्नामेंट का खिताब 32 बार जीतने वाली बंगाल की टीम को मौजूदा सत्र के लीग चरण में भी केरल ने हराया था. बंगाल की टीम 2016-17 सत्र के फाइनल में केरल से मिली हार का बदला लेने में भी विफल रही. बंगाल की टीम ने पेनल्टी शूटआउट की शुरुआत ओराव के गोल से की लेकिन दूसरे प्रयास में सजल बाग चूक गये जो अंत में निर्णायक साबित हुआ. बबलू ओरा, तन्मय घोष और गोलकीपर प्रियंत ने अपने मौके को गोल में बदले. केरल ने पांचों मौकों को गोल में बदल कर खिताब अपने नाम कर लिया.
बंगाल की टीम संतोष ट्रॉफी टाइटल की रिकॉर्ड 32 बार की चैंपियन टीम है. लेकिन केरल के खिलाफ अंतिम 4 मिनट में टीम का डिफेंस डगमगा गया. केरल की तरफ बिबिन अजयन ने बराबरी का गोल दागा. इसके बाद दोनों टीमें पेनल्टी शूटआउट में गईं जहां बंगाल की तरफ से दिलीप ओरन ने पहले स्ट्राइक किया और फिर साजल बाग जब पेनल्टी लेने गए तो वो गोल करने से चूक गए. इसके बाद बबल ओरा ने तीसरा, तनमय घोष और गोलकीपर प्रियांत ने फाइनल पेनल्टी दागा. लेकिन टीम का स्कोर 4 ही हो पाया था. गोलकीपर राज बर्मन अंत में केरल के फस्लुरहमान मेथुकायिलो के गोल को रोक नहीं पाए और केरल ने इस तरह टाइटल जीत लिया.