स्पेन के वर्ल्ड कप विजेता फुटबॉलर जावी हर्नान्डेज ने भारतीय फुटबॉल टीम के हेड कोच पद के लिए अप्लाई किया था. उनके इस कदम ने भारतीय फुटबॉल फेडरेशन को हैरान कर दिया. लेकिन उसने जावी को हेड कोच चुनने की प्रक्रिया में शॉर्टलिस्ट नहीं किया. इसकी वजह रही पैसों की तंगी. जावी अपने जमाने के सुपरस्टार फुटबॉलर रहे हैं. वे 2010 में वर्ल्ड कप जीतने वाली स्पेनिश टीम का हिस्सा थे. साथ ही बार्सिलोना के साथ क्लब लेवल पर भी काफी कामयाबी हासिल की.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, जावी ने अपने अकाउंट से भारत के हेड कोच पद के लिए ईमेल भेजा था. लेकिन आवेदकों की जांच करने वाली कमिटी को पता था कि उन्हें नहीं लिया जा सकता.
एक सूत्र ने पीटीआई से कहा, 'हां, उन्होंने (जावी) भारतीय टीम के हेड कोच पद के लिए आवेदन भेजा था. उन्होंने खुद ने तकनीकी समिति को आवेदन मेल किया था और ऐसा लगता है कि वह इस जिम्मेदारी के लिए इच्छुक थे. हालांकि जिन लोगों पर कोच के आवेदकों के नामों को शॉर्टलिस्ट कर आखिरी मुहर के लिए एग्जीक्यूटिव कमिटी के पास भेजना था उन्हें पता था कि ऐसा करना मुश्किल होगा. आपको पता है कि जावी महानतम मिडफील्डर्स में एक हैं, लोग मेसी की बात करते हैं लेकिन बार्सिलोना की बात की जाए तो वह (आंद्रेस) इनियेस्टा के साथ सबसे ऊपर आता है. इसलिए जो जो है सो यही है.'
ये तीन लोग किए गए शॉर्टलिस्ट
फेडरेशन की तकनीकी समिति ने स्टीफन कॉन्सेनटाइन, स्टीफन टारकोविच और भारत के खालिज जमील को कोच पद के लिए शॉर्ट लिस्ट किया है. माना जा रहा है कि मनोलो मार्केज की जगह लेने के लिए जमील सबसे तगड़े दावेदार हैं. भारतीय फुटबॉल फेडरेशन ने 4 जुलाई को नए कोच के लिए आवेदन मांगे थे और 13 जुलाई इसकी समयसीमा थी. कुल 170 आवेदन आए जिनमें लिवरपूल के पूर्व स्टार रॉबी फाउलर, हैरी केवेल जैसे नाम शामिल थे.