अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ के अध्यक्ष तैयब इकराम का कहना है कि अगर उनके हाथ में हो तो वह भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय हॉकी कल ही बहाल कर दें क्योंकि इससे खेल मजबूत होगा. उन्होंने 10 सितंबर को यह बयान दिया. भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय हॉकी 18 साल से बंद है. दोनों देशों के बीच पिछली द्विपक्षीय श्रृंखला 2006 में खेली गई थी जिसमें पाकिस्तान 3-1 से विजयी रहा था. इसके बाद दोनों देशों के बीच राजनीतिक तनाव के कारण उनका सामना सिर्फ अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में ही होता है.
पाकिस्तान में जन्मे इकराम का 9 नवंबर को मस्कट में होने वाली एफआईएच की 49वीं कांग्रेस में निर्विरोध अध्यक्ष चुना जाना तय है. उनका मानना है कि पाकिस्तान हॉकी को अपना गौरवशाली अतीत लौटाने के लिये वित्तीय संसाधनों की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि पाकिस्तानी हॉकी का स्तर गिरा है. यह सब संसाधनों के अभाव की बात है. मुझे खिलाड़ियों के लिए बुरा लगता है. वह मजबूत टीम है लेकिन मजबूत वित्तीय मॉडल के बिना आप हाई परफॉर्मेंस ढांचा खड़ा नहीं कर सकते.’
उन्होंने कहा, ‘भारत मजबूत साझेदार और अहम हितधारक है. मेरा मानना है कि भारत हर लिहाज से अपनी भूमिका निभा रहा है जिसमें वैश्विक टूर्नामेंटों की मेजबानी शामिल है. हर राष्ट्रीय ओलिंपिक समिति बड़े बाजार के लिए भारत और चीन को ताक रहा है लेकिन हमारा फोकस इस रिश्ते को और प्रभावी बनाने पर है.’ इकराम ने कहा कि एफआईएच ने सात साल बाद फिर शुरू हो रही हॉकी इंडिया लीग के लिए एक विंडो रखी है. उन्होंने कहा कि यह दिसंबर के आखिरी सप्ताह से फरवरी के पहले सप्ताह के बीच की विंडो है.