टीम इंडिया के लिए संन्यास खत्म करने को तैयार यह स्टार खिलाड़ी, अनदेखी की वजह से छोड़ा था खेल

टीम इंडिया के लिए संन्यास खत्म करने को तैयार यह स्टार खिलाड़ी, अनदेखी की वजह से छोड़ा था खेल
वंदना कटारिया ने भारत के लिए 300 से ऊपर मैच खेले. (Photo: Getty)

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वंदना कटारिया भारत के लिए सर्वाधिक मैच खेलने वाली महिला हॉकी खिलाड़ी हैं.

वंदना कटारिया ने 2009 में भारत के लिए डेब्यू किया था.

भारत की पूर्व महिला हॉकी स्ट्राइकर वंदना कटारिया का कहना है कि टीम मैनेजमेंट कहेगा तो वह संन्यास खत्म कर सकती है. उन्होंने कुछ महीनों पहले रिटायरमेंट का फैसला किया था. इस बारे में वंदना ने बताया कि लगातार अनदेखी और टीम से अंदर-बाहर होने की वजह से यह फैसला लिया गया था. 33 साल की इस खिलाड़ी ने भारत के लिए दो बार ओलिंपिक में प्रतिनिधित्व किया है. उन्होंने अप्रैल 2025 में संन्यास लिया था. उनका इंटरनेशनल करियर 15 साल चला. 

वंदना जब रिटायर हुई तब वह भारत की तरफ से सबसे ज्यादा मैच खेलने वाली महिला हॉकी खिलाड़ी थी. उन्होंने 2009 में डेब्यू किया था और 320 मैच खेले. इनमें कुल 158 गोल उनके नाम रहे. वंदना का कहना है कि लगातार टीम से बाहर करने से वह दुखी थी. उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, 'जब मुझे लगा कि उन्हें मुझसे कोई उम्मीद नहीं है तब मैंने फैसला किया. इसकी वजह से मैं मानसिक दवाब में थी. मैं फिट और काबिल थी लेकिन जूझ रही थी जिसकी वजह से लगा कि इसे खत्म करना चाहिए.'

वंदना ने बताया क्यों लिया था संन्यास

 

वंदना ने कहा कि वह मानसिक तौर पर परेशान थी. उन्होंने बताया, 'मेरा आत्मविश्वास कम था. हम विश्वास के साथ प्रैक्टिस करते हैं लेकिन कभीकभार नतीजे नहीं आते. मैं यह नहीं कह रही कि जो युवा खिलाड़ी आ रही हैं वह अच्छी नहीं है. वह शानदार हैं. उन्हें रूटीन का पता है लेकिन मुझे इस बात से दिक्कत हो रही थी कि मैं एक मैच खेलता और दो से बाहर बैठती. अगर किसी खिलाड़ी को जानबूझकर दबाव में रखा जाएगा तो वह टूट जाता है. मेरे साथ ऐसा ही हुआ. लंबे समय से मेरे मन में रिटायरमेंट की बात चल रही थी. मैं मानसिक तौर पर भी परेशान थी.'

वंदना वीमेंस हॉकी इंडिया लीग का है हिस्सा

 

वंदना अभी वीमेंस हॉकी इंडिया लीग में खेल रही हैं. वह श्राची बंगाल टाइगर्स का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा कि वह फिट है और टीम मैनेजमेंट कहेगा तो टीम में वापस आ सकती हैं. संन्यास के बाद भी उनकी दिनचर्या बदली नहीं है. वह फिर से मौका मिलने पर टीम के लिए योगदान देना चाहती है.