चैंपियन बनने से चार दिन पहले हो गई थी पिता की मौत, अब Formula-1 रेस में चोटी पर चढ़ा 24 साल का ड्राइवर

चैंपियन बनने से चार दिन पहले हो गई थी पिता की मौत, अब Formula-1 रेस में चोटी पर चढ़ा 24 साल का ड्राइवर

350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार और 20 ड्राइवर की जंग में मोनाको से आने वाले फरारी कार के रफ़्तार के सौदागर चार्ल्स लेक्लर (Charles Leclerc) इन दिनों सुर्ख़ियों में हैं. क्योंकि 2022 फ़ॉर्मूला वन रेसिंग (Formula One Racing) स्पोर्ट्स में चार्ल्स को लुईस हैमिल्टन, मैक्स वर्सटापन और सर्जियो पेरेज़ जैसे धाकड़ ड्राइवर भी टक्कर नहीं दे पा रहे हैं और 24 साल के ये युवा ड्राइवर अब शीर्ष पर चल रहा है. ऐसे में चार्ल्स के बारे में बात करें तो साल 2017 में जब उन्होंने फ़ॉर्मूला 2 में बाकू रेस जीती थी. उससे ठीक चार दिन पहले उनके पिता की मौत हो गई थी. हालांकि इसके बाद भी चार्ल्स की रफ्तार रेसिंग ट्रैक पर नहीं थमी और उन्होंने अपने जज्बे का शानदार नमूना पेश कर सभी का दिल जीता. 

54 साल की उम्र में हुआ पिता का निधन 

गौरतलब है कि मोनाकों में 16 अक्टूबर 1997 में जन्में चार्ल्स का नाम फ़ॉर्मूला रेसिंग की दुनिया में तब सामने आया. जब साल 2016 में उन्होंने जीपी थ्री चैंपियनशिप जीती और उसके बाद फ़ॉर्मूला 2 में कार भगाने का उन्हें मौका मिला. इस खिताब को ही जीतने से ठीक चार दिन पहले उनके पिता हर्वे लेक्लर, जो खुद फ़ॉर्मूला 3 में 1980 से 1990 के दशक में एक शानदार ड्राइवर थे. उनकी मौत लंबी बिमारी के चलते 54 साल में उस समय हुई जब चार दिन बाद चार्ल्स को चैंपियनशिप जीतने के लिए रेस के मैदान में उतरना था. हालांकि पिता की मौत के बावजूद चार्ल्स का रेसिंग के प्रति जज्बा कम नहीं हुआ और उन्होंने अपने जीवन की सबसे बड़ी घटना को किनारे रखते हुए बाकू में रफ़्तार को चुनौती दे डाली. इसका आलम यह रहा कि चार्ल्स ने बाकू रेस के साथ फ़ॉर्मूला 2 का खिताब अपने नाम किया और उन्हें फ़ॉर्मूला वन की दुनिया में कदम रखने का मौका मिला.