21 साल के अमन सहरावत ने 57 किलो मेंस फ्रीस्टाइल कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया है. उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल मैच में पुर्तो रिको के पहलवान डारियन क्रूज को 13-5 से हराया. हालांकि इस मुकाबले से पहले उन्हें भी विनेश फोगाट जैसी स्थिति से गुजरना पड़ा था. सेमीफाइनल मुकाबले के बाद उनका वजन 4.5 किलो बढ़कर 61.5 किग्रा तक पहुंच गया था. पहले तो जापान के रेई हिगुची के हाथों सेमीफाइनल हारने से अमन पहले ही निराश थे, ऊपर से मेडल जीतने के आखिरी मौके से पहले बढ़े वजन ने उनकी टेंशन बढ़ा दी थी.
बीते दिनों विनेश फोगाट ने 100 ग्राम वजन बढ़ने के चलते गोल्ड मेडल जीतने का मौका गंवा दिया था. 50 किग्रा वेट कैटेगरी में गोल्ड मेडल मैच से पहले उनका वजन तय लिमिट से 100 ग्राम अधिक पाया गया. जिस वजह से उन्हें पेरिस ओलिंपिक से डिस्वालीफाई कर दिया गया था. यहां तक कि फाइनल में पहुंचने के साथ ही उन्होंने जो मेडल पक्का किया था, वो भी फिसल गया.
अमन ने कैसे कम किया वजन
भारत के दो सीनियर कोच जगमंदर सिंह और वीरेंद्र दहिया के पास भारत को एक और मेडल गंवाने से बचाने के लिए काफी कम समय था. सेमीफाइनल मैच के कुछ घंटों के बाद ही वो सहरावत का वजन करने में जुट गए. अमन सहरावत का वजन करने करने की शुरुआत डेढ़ घंटे के मैट सेशन से हुई. जिसके बाद एक घंटे तक गर्म पानी से नहाया गया. इसके बाद 12:30 बजे अमन जिम में ट्रेडमिल पर बिना रुके एक घंटे तक दौड़े. उन्हें फिर रिकवर के लिए 30 मिनट का ब्रेक दिया गया. फिर उन्होंने पांच मिनट के सौना बाथ के पांच सेशन किए. इन सेशन के बीच में कोच ने सुनिश्चित किया कि अमन नींबू और शहद के साथ गुनगुना पानी पिए. उसे कॉफी पीने की भी अनुमति दी गई.
सारी कोशिश करने के बावजूद अमन का वजन 900 ग्राम अधिक था. वो काफी थके हुए थे. इसके बाद वो मसाज सेशन के लिए चले गए. इसके बाद उन्होंने हल्की जॉगिंग करने. उन्होंने 15-15 मिनट की पांच दौड़ लगाने के लिए कहा गया. कड़ी मेहनत के बाद जब सुबह साढ़े चार बजे अमन वजन मापने वाली मशीन पर खड़े हुए तो राहत की सांस ली, क्योंकि उनका वजन जरूरत से 100 ग्राम कम हो गया था. यानी उन्होंने अपना वजन 4.6 किलो कम कर लिया था. वजन कम करने के कारण वो पूरी रात सो नहीं पाए थे.
दहिया ने पीटीआई से बात करते हुए कहा-
मैंने पूरी रात कुश्ती के मुकाबलों के वीडियो देखे. हम हर घंटे उसका वजन चेक करते रहे. हम पूरी रात नहीं सोए, दिन में भी नहीं. वजन कम करना हमारा रूटीन है ये हमारे लिए नॉर्मल बात है, लेकिन पिछले दिन जो हुआ (विनेश के साथ), उसके कारण तनाव था, बहुत तनाव था. हम एक और मेडन हाथ से जाने नहीं दे सकते थे.
अमन, कोच और सपोर्ट स्टाफ की कड़ी मेहनत का रिजल्ट मुकाबले में देखने को मिला, जहां अमन ने 13-5 से जीत हासिल करने ब्रॉन्ज मेडल जीता. पेरिस ओलिंपिक में ये भारत का कुश्ती में पहला मेडल है.
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