भारतीय हॉकी टीम पेरिस ओलिंपिक के सेमीफाइनल में पहुंच गई है. यानी वो ऐतिहासिक गोल्ड मेडल से महज दो जीत दूर है. भारत ने क्वार्टर फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन को पेनल्टी शूटआउट में हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई. अब गोल्ड मेडल मैच में पहुंचने के लिए उसे तीन बार की गोल्ड मेडलिस्ट जर्मनी को हराना होगा. भारत ने पिछले ओलिंपिक में जर्मनी को हराकर ही ब्रॉन्ज मेडल जीता था, मगर इस ओलिंपिक में दोनों सेमीफाइनल में आमने सामने होंगे.
पेरिस ओलिंपिक में शानदार फॉर्म में चल रही भारतीय टीम अगर सेमीफाइनल में जर्मनी को धूल चटा देती है तो वो 44 साल के इंतजार के बाद फाइनल ओलिंपिक फाइनल खेलेगी और इसी के साथ इस ओलिंपिक में भी भारत का एक मेडल पक्का हो जाएगा. भारतीय टीम पिछली बार साल 1980 में फाइनल में पहुंची थी, जहां स्पेन को हराकर खिताब जीता था, मगर उसके बाद भारत को हॉकी में मेडल का लंबा इंतजार करना, जो पिछले ओलिंपिक यानी टोक्यो मे ब्रॉन्ज मेडल मैच में जर्मनी को हराने के साथ खत्म हुआ.
सेमीफाइनल का शेड्यूल
भारतीय टीम अगर पेरिस ओलिंपिक के फाइनल में पहुंच जाती है तो गोल्ड मेडल मैच में उसका सामना नेदरलैंड्स और स्पेन के बीच खेले जाने वाले सेमीफाइनल की विजेता से होगा. हॉकी के दोनों सेमीफाइनल भारतीय समयानुसार छह अगस्त को खेले जाएंगे. देखें सेमीफाइनल का शेड्यूल
हालांकि इसके बाद निर्धारित समय तक दोनों में से कोई टीम बढ़त नहीं ले पाई. पेनल्टी शूटआउट में भारत के लिए हरमनप्रीत सिंह, सुखजीत, ललित और राज कुमार पाल ने गोल करके भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई. पीआर श्रीजेश ने शानदार बचाव करते हुए ब्रिटेन की हार की कहानी लिखी.
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