विनेश फोगाट का पेरिस ओलिंपिक में गोल्ड जीतने का सपना चूकनाचूर हो गया. गोल्ड मेडल मैच से पहले उन्हें 100 ग्राम वजन अधिक होने के कारण पेरिस ओलिंपिक से डिस्क्वालीफाई कर दिया गया था. जिससे करोड़ों भारतीयों का दिल टूट गया. विनेश ने 50 किग्रा वेट कैटेगरी में जिस अंदाज में अपने अभियान का आगाज किया, वो खिताब की सबसे बड़ी दावेदार मानी जा रही थीं. उन्होंने पहले राउंड में दुनिया की नंबर 1 जापान की युई सुसाकी को हराकर बड़ा उलटफेर कर दिया था. उसके बाद भी विनेश नहीं रुकीं और लगातार शानदार खेल दिखाकर उन्होंने फाइनल तक का सफर तय कर लिया। लेकिन जब गोल्ड मेडल से कुछ ही दूर बाकी थी तभी वो खबर आ गई जिसने हर भारतीय का दिल तोड़ दिया.
जहां तक जापानी खिलाड़ी के खिलाफ मुकाबले की बात है तो भारतीय पहलवान ने आखिरी 10 सेकंड में शानदार दांव खेलकर सुसाकी के 82 मैचों के लंबे समय से चले आ रहे जीत के सिलसिले को खत्म कर दिया था. इससे पहले जापानी पहलवान ने अंतरराष्ट्रीय लेवल पर एक भी गेम नहीं हारी थी. हालांकि इसके बाद सुसाकी रेपेशाज राउंड में आगे बढ़ी और फिर ब्रॉन्ज मेडल जीता. ब्रॉन्ज मेडल के साथ लौटने के बाद टोक्यो ओलिंपिक की गोल्ड मेडलिस्ट ने फैंस से माफी मांगी. उन्होंने लिखा-
मुझे पेरिस 2024 ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने का सम्मान मिला. सबसे पहले आप सभी के सपोर्ट के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद. इससे मुझे वास्तव में मदद मिली है. मैं अपने परिवार, साथियों और प्रशंसकों से देखना चाहती थी, जिन्होंने पिछले तीन सालों से गोल्ड मेडल जीतने के लिए मेरे साथ संघर्ष किया है, लेकिन मैं ऐसा नहीं कर पाई. मुझे बहुत खेद है और निराशा है कि मैंने विश्वासघात किया.
विनेश से हार के बाद सुसाकी ने यूक्रेन की ओक्साना लिवाच को हराया था. उन्होंने लिखा-
हार के बावजूद सपोर्टर ने कहा कि वो अभी भी मुझ पर विश्वास करते हैं और मेरा सपोर्ट करना जारी रखेंगे. मैं जवाब नहीं दे पाई, लेकिन मैंने हर मैसेज को एक-एक करके पढ़ा, और मैं यह नहीं बता सकती कि इसने मेरे दिल को कितना छुआ और इसने मुझे आगे बढ़ते रहने के लिए कितना प्रेरित किया. बहुत-बहुत धन्यवाद. जब तक ऐसे लोग हैं, जो अभी भी मेरा सपोर्ट करते हैं और मुझ पर विश्वास करते हैं, मैं ओलिंपिक चैंपियन बनने के अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए फिर से कड़ी मेहनत करने के लिए तैयार हूं.
25 साल की सुसाकी अगले दो ओलिंपिक में गोल्ड जीतना चाहती है और वो उम्मीद कर रही है कि वो एक दिन ब्रॉन्ज मेडल को भी पसंद करने लगेगी. उन्होंने कहा-
मुझे खुशी है कि मेरे पास ये ब्रॉन्ज मेडल है. मुझे उम्मीद है कि एक दिन मैं इस ब्रॉन्ज को पसंद करने लगूंगी. मैं निश्चित रूप से चार साल बाद लॉस एंजिलिस में ओलिंपिक गोल्ड और आठ साल बाद ब्रिस्बेन ओलिंपिक गोल्ड हासिल करूंगी.
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