Paris Olympic Archery : पेरिस ओलिंपिक में अभी तक निशानेबाजी में जहां भारत के हाथ दो कांस्य पदक आ चुके हैं. वहीं साल 1988 से भारतीय तीरंदाज मेडल का खाता अभी तक नहीं खोल सके हैं. तीरंदाजी में मेंस और वीमेंस टीम की हार के बाद व्यक्तिगत स्पर्धा में धीरज बोम्मादेवरा का सपना शूटऑफ में महज 18 मिलीमीटर की बारीक दूरी से टूट गया और वह मेडल राउंड तक भी नहीं जा सके.
धीरज ने पहले मैच में जीत से किया था आगाज
दरअसल, धीरज ने अपने पहेल राउंड ऑफ़ 32 के मुकाबले में चेक रिपब्लिक के एडम ली के सामने 7-1 से शानदार जीत दर्ज करके राउंड ऑफ़-16 में जगह बनाई थी. लेकिन राउंड ऑफ़-16 में उनका किस्मत ने साथ नहीं दिया.
कनाडा के सामने खेला बराबर का मैच
शूट ऑफ में जानें कैसे मिली हार
शूट ऑफ में आर्चर एक-एक शॉट लेते हैं और जो ज्यादा स्कोर करता है वह जीत जाता है. लेकिन यहां पर धीरज ने पहले शूट करे हुए 10 का स्कोर (54.3mm) के साथ किया, जबकि इसके जवाब में कनाडा के पीटर्स ने भी 10 का स्कोर (34.1 mm) के साथ किया. यानि कनाडा के तीरंदाज की तीर सेंटर पॉइंट से महज 34.1 mm ही दूर थी और धीरज की तीर 54.3 mm दूर थी. यानि धीरज को बराबर स्कोर करने के बावजूद उनकी तीर कनाडाई तीरंदाज की तीर से करीब 18 मिलीमीटर की दूरी पर रहने के चलते हारकर बाहर होना पड़ा.
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