भारत को पेरिस पैरालिंपिक 2024 में दूसरा गोल्ड मेडल मिल गया. नितेश कुमार ने पैरा बैडमिंटन की SL3 कैटेगरी का फाइनल जीतकर यह कमाल किया. उन्होंने खिताबी मुकाबले में ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को 21-14, 18-21, 23-21 से मात दी. बेथेल ने टोक्यो ओलिंपिक में भी सिल्वर मेडल जीता था. नीतेश ने रोमाचंक मुकाबला जीतकर पहली बार पैरालिंपिक गोल्ड जीता. SL3 कैटेगरी में ऐसे खिलाड़ी शामिल किए जाते हैं जिनके शरीर के निचले हिस्से में समस्या होती है. वे आधी चौड़ाई के कोर्ट पर खेलते हैं. भारक
हरियाणा से आने वाले 29 साल के नितेश ने एक घंटे 20 मिनट तक चले कड़े मुकाबले में अपने मजबूत डिफेंस और सटीक शॉट्स के जरिए जीत हासिल की. उनके इस कमाल से भारत ने SL3 कैटेगरी का गोल्ड बरकरार रखा. टोक्यो ओलिंपिक में इस कैटेगरी में प्रमोद भगत ने सोना जीता था. लेकिन इस बार वे पैरालिंपिक में हिस्सा नहीं ले पाए क्योंकि डोपिंग को लेकर जानकारी नहीं देने की वजह से बैन कर दिया गया. 2 सितंबर को भारत ने एथलेटिक्स में एक सिल्वर मेडल हासिल किया जो योगेश कथूनिया ने जीता.
भारत पेरिस पैरालिंपिक खेलों में अभी तक नौ मेडल हासिल कर चुका है. इनमें दो गोल्ड, तीन सिल्वर और चार कांस्य पदक शामिल हैं. नितेश से पहले अवनि लेखरा ने शूटिंग में गोल्ड जीता था. नितेश जब 15 साल के थे जब विशाखापतनम में एक ट्रेन हादसे में उनका बायां पैर कट गया था. यह हादसा साल 2009 में हुआ था. लेकिन इस सदमे से उबरते हुए उन्होंने खेलों की तरफ ध्यान मोड़ा और बैडमिंटन खेलने लगे. नितेश ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. उन्होंने आईआईटी मंडी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की है. पैरालिंपिक खेलों में आने से पहले उन्होंने छह सप्ताह पुलेला गोपीचंद एकेडमी में बिताए. यहां पर तीन सबसे बड़े कोचेज ने उन्हें ट्रेन किया.
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