एशियन गेम्स में भारतीय एथलीट कमाल कर रहे हैं. 35 किमी रेस वॉक मिक्स्ड टीम इवेंट में भारत ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया. राम बाबू और मंजू रानी ने मिलकर भारत को मेडल दिलाया. उन्होंने 5:51:14 का समय लिया. इस इवेंट का गोल्ड चीन और सिल्वर मेडल जापान ने जीता. भारत के राम बाबू के लिए ये यादगार मेडल है. ये उनके उस संघर्ष का फल है, जो उन्होंने सालों तक किया. उन्होंने वेटर का काम किया. मनरेगा मे भी काम किया. खून पसीना बहाया. संघर्ष के दिनों में दिन रात एक कर दिया, मगर मुश्किल परिस्थिति में भी वो अपने लक्ष्य से नहीं भटके.
राम बाबू अब आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट में ट्रेनिंग करते हैं, मगर यहां पहुंचने से पहले उन्होंने अपना खर्चा चलाने के लिए कई तरह के काम किए. उन्होंने वाराणसी के एक रेस्टारेंट में वेटर का काम किया, मगर वहां पर काम करते हुए वो खुद पर काम नहीं कर पा रहे थे. उन्हें रेस्टारेंट में देर रात तक काम करना पड़ता था, जिसकी वजह से वो सही से सो भी नहीं पाते थे. उस काम से उन्हें पैसे तो मिल रहे थे और वो खाना भी खा पा रहे थे, मगर राम बाबू अपने खेल पर फोकस नहीं कर पा रहे थे.
राम बाबू ने की मजदूरी
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