भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा और कार्यकारी परिषद के विद्रोही सदस्यों के बीच विवाद ने एक और बदसूरत मोड़ ले लिया, क्योंकि 12 सदस्यों ने अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (आईओसी) के सीनियर अधिकारी जेरोम पोइवे को पत्र लिखकर इस दिग्गज एथलीट पर तानाशाही से काम करने का आरोप लगाया.
बीते दिनों हुई आईओए की बैठक के दौरान तीखी नोकझोंक हुई, जिसमें उषा ने रघुराम अय्यर को मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के पद से हटाने की उनकी अपील को सिरे से खारिज कर दिया. आईओसी में संस्थागत संबंध और शासन के प्रमुख पोइवे को लिखे पत्र में इन 12 सदस्यों ने कहा कि वे चाहते हैं कि राष्ट्रीय संस्था का संचालन लोकतांत्रिक तरीके से हो.
पीटी उषा ने अपनी ओर से पहले ही कहा है कि अय्यर की नियुक्ति पांच जनवरी को कार्यकारी परिषद बैठक में आईओए संविधान का सख्ती से पालन करते हुए की गई थी, जिसकी वीडियोग्राफी की गई थी, जिससे इस फैसले से पीछे हटने का कोई कारण नहीं था.
कार्यकारी परिषद के सदस्यों ने पोइवे को लिखा कि वे आईओए के सीईओ के पद के लिए फिर से विज्ञापन देंगे. उन्होंने लिाखा- अगले दो महीनों के अंदर अध्यक्ष के साथ मिलकर एक उपयुक्त उम्मीदवार को नियुक्त करने का लक्ष्य है. हम आईओए अध्यक्ष के आचरण से बहुत चिंतित हैं. जिनका तानाशाही व्यवहार हमेशा खेदजनक रहा है. हमें आपके ऐसे अनुभव से गुजरने के लिए भी खेद है. जो उनके लिए हर एक बैठक या मौके पर अपने सहयोगियों के विचारों और चिंताओं को कम आंकना नियम बन गया है.
वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय एच पटेल, उपाध्यक्ष राजलक्ष्मी देव और गगन नारंग, कोषाध्यक्ष सहदेव यादव, संयुक्त सचिव अलकनंदा अशोक और कल्याण चौबे, अन्य कार्यकारी परिषद सदस्य अमिताभ शर्मा, भूपेंद्र सिंह बाजवा, रोहित राजपाल, डोला बनर्जी, हरपाल सिंह और योगेश्वर दत्त ने पत्र पर हस्ताक्षर किए.