पहलवान ने मैच हारने पर रेफरी को कॉलर पकड़ खींचा, छाती पर मारी लात, माहौल बिगड़ा तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर खदेड़ा, Video

पहलवान ने मैच हारने पर रेफरी को कॉलर पकड़ खींचा, छाती पर मारी लात, माहौल बिगड़ा तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर खदेड़ा, Video
टूर्नामेंट के दौरान मचा बवाल

Highlights:

महाराष्ट्र केसरी रेसलिंग टूर्नामेंट में भयंकर बवाल.

हारने वाले पहलवान ने रेफरी को मारी लात.

उपमुख्यमंत्री अजित पवार और केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल की मौजूदगी में हुआ था टूर्नामेंट.

 महाराष्ट्र केसरी रेसलिंग टूर्नामेंट में एक मुकाबले को लेकर भयंकर बवाल मच गया, जिसके बाद माहौल को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा .दरअसल मुकाबला हारने वाले पहलवान ने रेफरी की छाती पर लात मार दी और दूसरे ने अंक गंवाने को लेकर गाली-गलौज की. जिस वजह से टूर्नामेंट में अफरा तफरी मच गई और देखते ही देखते माहौल बिगड़ गया.टूर्नामेंट रविवार को अहिल्यानगर में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल की मौजूदगी में आयोजित किया गया था.

पुणे के पहलवान पृथ्वीराज मोहोल को मैट वर्ग के सेमीफाइनल में विजेता घोषित किए जाने के बाद उनके विपक्षी पहलवान शिवराज राक्शे ने फैसले का विरोध किया. इसे लेकर रेफरी के साथ उनकी काफी बहस भी हुई और इस गुस्‍से में पहले तो उन्‍होंने रेफरी को कॉलर पकड़कर खींख और फिर छाती पर लात मार दी. महाराष्ट्र केसरी के दो बार के विजेता रक्शे ने कहा-

मेरा कंधा मैट से नहीं टकराया था, लेकिन रेफरी ने मेरी हार का फैसला सुना दिया. मैं जब अपने मामले को लेकर उनसे बहस कर रहा था,  तब मेरे साथ बदतमीजी की गयी.इसीलिए मैंने ऐसा कदम (लात मारना) उठाया.

 

 

कुश्ती संस्था से तीन साल के लिए निलंबित किए गए रक्शे ने कहा कि रेफरी के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई की जानी चाहिए.उन्होंने कहा कि वह फैसले के खिलाफ अदालत जाएंगे.महाराष्ट्र कुश्ती संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष संदीप भोंडवे ने कहा कि ‘बाउट’ के दौरान रेफरी ने पुष्टि की थी  कि रक्शे गिर गए थे.साइड रेफरी और मैट चेयरमैन ने भी रेफीरी के फैसले का समर्थन किया. उन्होंने कहा- 

मेरा कंधा मैट से नहीं टकराया था, लेकिन रेफरी ने मेरी हार का फैसला सुना दिया. मैं जब अपने मामले को लेकर उनसे बहस कर रहा था,  तब मेरे साथ बदतमीजी की गयी.इसीलिए मैंने ऐसा कदम (लात मारना) उठाया.

 

 


इसके बाद  मोहोल और महेंद्र गायकवाड के बीच फाइनल मैच के दौरान भी विवाद हुआ. गायकवाड़ ने 16 सेकेंड पहले मुकाबला छोड़ दिया और बाद में रेफरी पर अभद्र टिप्पणी की.  गायकवाड़ को भी तीन साल के लिए निलंबित कर दिया गया. मोहोल ने ‘महाराष्ट्र केसरी’ खिताब जीतने के बाद कहा कि यह उनके कुश्ती करियर का सबसे बड़ा पल था. मोहोल ने कहा- 

मैं रेफरी के फैसले के बारे में कुछ नहीं कह सकता.रेफरी का फैसला अंतिम होता है.मैं एक पहलवान हूं और मैंने अपना काम किया है.

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