छह बार की वर्ल्ड चैंपियन एमसी मैरीकॉम की बॉक्सिंग की भूख अभी भी बरकरार हैं और उन्होंने रिंग में अपना दम दिखाने के लिए एक दूसरी योजना बना ली है. दरअसल मैरीकॉम की उम्र 42 साल हो गई है और वो ओलिंपिक के लिए उम्र सीमा को वो दो साल पहले ही पार कर चुकी है, मगर उनकी अभी भी रिंग में उतरने की इच्छा है. ऐसे में भारत की दिग्गज मुक्केबाज ने प्रो बॉक्सिंग में कदम रखने का फैसला लिया है.
एक कार्यक्रम में आज तक से खास बातचीत में मैरीकॉम ने ओलिंपिक में एज लिमिट के नियम पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि वो इस नियम से निराश निराश है. ये नियम क्यों है. उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि मगर नियम तो नियम है. मैरीकॉम ने कहा कि उनका सपना ओलिंपिक गोल्ड का था. उनके पास इतने सारे मेडल हैं, मगर उन्हें संतुष्टि नहीं हो रही. उन्होंने कहा-
मैं संतुष्ट नहीं हूं,मगर मैं दूसरा रास्ता खोज लेती हूं. रास्ता खोज लिया और अभी प्रो में आगे एक या दो साल तो खेलूंगी. इसके कोई एज लिमिट नहीं है, जब तक मन करे खेलो. जब पेट भर जाए, छोड़ना चाहते हैं, रिकवरी करना चाहते हैं तो छोड़ दो.
इस बातचीत में मैरीकॉम ने पेरिस ओलिंपिक में भारतीय महिला मुक्केबाजों के प्रदर्शन पर भी बात की. दिग्गज मुक्केबाज मैरीकॉम पेरिस ओलिंपिक में उनके प्रदर्शन से निराश हैं. उन्हें इस बात का डर है कि उनके बाद कोई अगली मैरीकॉम आएगी या नहीं. उन्होंने कहा-
अभी एक- दो साल में थोड़ा प्रदर्शन तो अच्छा आ रहा था, मगर अभी अचानक खत्म हो गया. मेरे जैसा नियमित परफॉर्मेंस नहीं आ रहा तो क्यों नहीं डर होगा.
पेरिस ओलिंपिक में लवलीना बोरेगोहेन, निकहत जरीन जैसी स्टार मुक्केबाज भी मेडल फिनिश नहीं कर पाईं. इस पर निराशा जाहिर करते हुए मैरीकॉम ने कहा-
इसे लेकर तो सिर्फ मुझे ही नहीं, पूरा देश निराश है, क्योंकि बॉक्सिंग में काफी उम्मीद थी. एक-दो मेडल तो आना चाहिए था. ये सोचने की बात है.
लंदन ओलिंपिक की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट मैरीकॉम के नाम छह बार की वर्ल्ड चैंपियन हैं. वो छह बार वर्ल्ड चैंपियन बनने वाली इकलौती महिला मुक्केबाज हैं. मैरीकॉम अपने शुरुआती सात वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीतने वाले भी इकलौती महिला मुक्केबाज हैं.