भारत की स्टार वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने नॉर्वे के फोर्डे में आयोजित वर्ल्ड वेटलिफि्टंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीत लिया है. उन्होंने 48 किग्रा वेट कैटेगरी में 199 किग्रा भार 84 स्नैच और 115 क्लीन एंड जर्क उठाकर तीसरी बार वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीता. उन्होंने तीन साल में पहली बार इस चैंपियनशिप में हिस्सा लिया.
वर्ल्ड चैंपियनशिप में मीराबाई का किससे मुकाबला था?
गोल्ड मेडल साउथ कोरिया की री सोंग गम ने जीता. उन्होंने कुल 213 किलो (स्नैच में 91 और क्लीन एंड जर्क में 122) का भार उठाया. सिल्वर और ब्रॉन्ज के लिए मीराबाई और थान्याथॉन के बीच मुकाबला था. स्नैच के बाद थान्याथन मीराबाई पर 4 किग्रा की बढ़त बनाए हुए थी, लेकिन भारतीय स्टार ने अपने आखिरी क्लीन एंड जर्क प्रयास में शानदार प्रदर्शन किया. मीराबाई को सिल्वर जीतने के लिए थान्याथन से एक किग्रा आगे निकलने के लिए 115 किग्रा का सफल भार उठाना पड़ा.
स्नैच में मीराबाई ने कितनी लीगल कोशिश की?
वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्नैच के बाद एक समय सिल्वर उनके पहुंच से दूर लग रहा था. अगस्त में हुई कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप की तरह मीराबाई स्नैच वर्ग में केवल एक ही लीगल कोशिश कर पाईं. 84 किग्रा के अपनी पहली कोशिश में वह सहज दिखीं, लेकिन अपने बाकी दो स्नैच में दूसरे प्रयास में सफल नहीं हो पाईं, मगर उन्होंने क्लीन एंड जर्क में कमाल करके मेडल अपने नाम कर लिया.
मीराबाई ने इससे पहले कब 115 किलो का वजन उठाया?
मीराबाई ने इससे पहले किसी इंटरनेशनल इवेंट में 115 किलोग्राम भार चार साल पहले टोक्यो ओलिंपिक में उठाया था. उन्होंने टोक्यो में सिल्वर जीता था. उस मेडल के बाद चानू के लिए चार सालों में काफी कुछ बदला. चोटों और सर्जरी के कारण उनके प्रदशर्न पर भी असर पड़ा.