भारत की एक शीर्ष महिला साइकिलिस्ट द्वारा राष्ट्रीय कोच आरके शर्मा (RK Sharma) पर यौन उत्पीडन का गंभीर आरोप लगाने के बाद उनकी मुश्किलें अब और बढ़ गई है. इन आरोपों पर अभी स्पोर्ट्स ऑथोरिटी ऑफ़ इंडिया (साइ) तह तक जांच कर ही रहा था कि आरके शर्मा पर एक और स्टार महिला साइकिलिस्ट डेबोरा हेरोल्ड (Deborah Herold) ने गंभीर आरोप लगाए हैं. अंडमान की डेबोरा ने आरोप लगाए हुए इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि आरके शर्मा ने ना सिर्फ उनका मजाक बनाया बल्कि उनपर लेस्बियन (समलैंगिक रिश्ते में होने) होने के आरोप भी लगाए गए
वर्तमान में राष्ट्रीय चैंपियन और अंतरराष्ट्रीय गोल्डमेडलिस्ट अंडमान की डेबोरा ने कहा, "उन्हें राष्ट्रीय टीम से हटा दिया गया था, क्योंकि आरके शर्मा की सहायक गौतमानी देवी सोचती थीं कि वह (डेबोरा हेरोल्ड) एक अन्य महिला साइकिलिस्ट के साथ रिश्ते में हैं."
अन्य एथलीट ने भी लगाया आरोप
वहीं आरोपों के बारे में गौतमानी देवी ने कहा, "सिर्फ इतना ही कि उन्होंने केवल वही किया जो साइक्लिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (सीएफआई) ने उन्हें करने का निर्देश दिया था. सीएफआई का कहना है कि डेबोरा हेरोल्ड ने पहले कभी भी आरके शर्मा और गौतमानी देवी के खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाया था. खेल महासंघ अपने संविधान और देश के कानून के अनुसार काम करता है. आरके शर्मा ने कोई टिप्पणी नहीं की.
साल 2012 से भारतीय टीम का हिस्सा रहीं डेबोरा
बता दें कि अंडमान की डेबोरा साल 2012 से भारतीय टीम का हिस्सा रहीं हैं और साल 2014 से वह आरके शर्मा की निगरानी में ट्रेनिंग कर रहीं हैं. उन्होंने कहा कि 200 मीटर स्प्रिंट और 500 मीटर टाइम ट्रायल इवेंट में देश की सबसे तेज साइकिल चालक होने के बावजूद 2018 से 2019 राष्ट्रीय चैंपियनशिप तक टीम से बाहर रखा गया.
साल 2015 में मारा था थप्पड़
हेरोल्ड ने आगे कहा, "कोच के रूप में आरके शर्मा से शुरुआती कुछ वर्षों में उन्हें कोई समस्या नहीं थी. उनके अनुसार, पहली घटना 2015 में हुई थी. तब आरके शर्मा ने कथित तौर पर उन्हें थप्पड़ मारा था. उन्होंने बताया, ‘मेरे हॉस्टल के कमरे का एसी काम नहीं कर रहा था. इसलिए, मैं अंडमान के एक अन्य लड़के के कमरे में चली गई."
हेरोल्ड ने अंत में कहा, "उन्होंने (गौतमानी देवी) सोचा कि मैं एक अन्य महिला साइकिलिस्ट के साथ रिश्ते में हूं, और मुझे बहुत परेशान किया. उन्होंने मुझे ताने मारे, अनदेखा किया और मुझे बाकी साइकिल चालकों से अलग कर दिया. आखिरकार, मुझे राष्ट्रीय शिविर से हटा दिया गया. सच में, ऐसा कुछ नहीं था. हम सिर्फ अच्छे दोस्त हैं. गौतमानी देवी ने उन्हें ताने मारे और भद्दे कमेंट्स किए. यहां तक कि आरके शर्मा ने भी मुझे मानसिक रूप से परेशान करना शुरू कर दिया. कोचों ने प्रशिक्षण के दौरान असभ्य और हिम्मत तोड़ देने वाली भाषा का इस्तेमाल किया. हमारी दोस्ती पर निजी टिप्पणियां की गईं."