दो बार की ओलिंपिक मेडलिस्ट भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने अपने करियर को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि उनमें अब भी काफी कुछ हासिल करने की क्षमता है और बीडब्ल्यूएफ सर्किट पर काफी खिताब जीतने की काबिलियत है, मगर उनकी निगाहें 2028 लॉस एंजिलिस ओलिंपिक खेलों पर लगी रहेंगी.
अमेरिका में होने वाले ओलिंपिक तक सिंधु 33 साल की हो जाएंगी. हालांकि दो बार की ओलिंपिक मेडलिस्ट ने कहा कि अगर वह चोटमुक्त रहीं और शारीरिक रूप से फिट रहीं तो उनका टारगेट तीसरा ओलिंपिक मेडल जीतना होगा. पूर्व वर्ल्ड चैंपियन सिंधु ने 2016 रियो ओलिंपिक में सिल्वर और 2020 टोक्यो ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. पेरिस ओलिंपिक में वो प्री क्वार्टर फाइनल में हारकर बाहर हो गई थीं. हैदराबाद की 29 साल की सिंधु ने पीटीआई से कहा-
अगर मैं फिट हूं, अगर मैं ऐसा करने में सक्षम रहती हूं, अगर मैं चोट मुक्त हूं, तो निश्चित रूप से मैं लॉस एंजिलिस ओलिंपिक खेलूंगी. मैं आपको यही बता सकती हूं.
पेरिस ओलिंपिक के प्री क्वार्टर फाइनल में सिंधु राउंड 16 में चीन की ही बिंग जियाओ से हारने के बाद बाहर हो गईं थी. उन्होंने कहा- ऐ
सा कई बार होता है. मेरे दो ओलिंपिक शानदार रहे और तीसरे में मैं पदक नहीं जीत सकी, लेकिन मुझे लगता है कि मैं अच्छा खेली. मैं अपनी गलतियों से सीखती हूं और मजबूत होकर वापसी करती हूं. ये सिर्फ यहीं खत्म नहीं होता. मैं एक बार में एक साल के बारे में सोच रही हूं और अब अगला ओलिंपिक फिर से चार साल बाद है. इसलिये मेरा मुख्य लक्ष्य फिट बने रहने, प्रेरित रहने और चोटों से मुक्त रहने का है और मैं जो भी करूं, उसका लुत्फ उठाने का है.
पेरिस ओलिंपिक से जल्दी बाहर होने के बारे में सिंधु ने कहा कि उन्हें कोई पछतावा नहीं है. उन्होंने कहा-
यह दुनिया का अंत नहीं है. मुझे कोई पछतावा नहीं है, ये मेरे लिए खत्म नहीं हुआ है. मैं निश्चित रूप से और अधिक खेलना चाहूंगी और क्यों नहीं?