नेशनल गेम्स से भूचाल मचाने वाली खबर आई है. राष्ट्रीय खेल तकनीकी आचरण समिति (जीटीसीसी) ने ‘प्रतियोगिता शुरू होने से पहले ही 16 वेट कैटेगरी में से 10 के परिणाम तय करने के आरोप झेल रहे ताइक्वांडो के सीनियर अधिकार को बदल दिया है. ताइक्वांडो इवेंट के निदेशक को बदल दिया है. जीटीसीसी ने तीन सदस्यीय प्रतिस्पर्धा निवारण समिति (पीएमसीसी) की ‘कड़ी सिफारिशों’ के बाद टी प्रवीण कुमार की जगह एस दिनेश कुमार को इवेंट के नये निदेशक के रूप में नामित किया है. जीटीसीसी की अध्यक्ष सुनैना कुमारी ने कहा कि पीएमसीसी की सिफारिशें स्वीकार कर ली गई हैं. सुनैना ने सोमवार को प्रेस रिलीज जारी करके कहा-
यह अहम है कि हम पीएमसी समिति की सिफारिशों को ध्यान में रखें और राष्ट्रीय खेलों उत्तराखंड की अखंडता को बनाये रखे. प्रतियोगिता के पूर्व निदेशक के खिलाफ शिकायतें मिलने के अलावा हम यह जानकर भी हैरान हैं कि उन्होंने खेल विशेष वॉलियंटर्स के सेलेक्शन टेस्ट के लिए कुछ राज्य संघों के पदाधिकारियों और कार्यकारी समिति के सदस्यों के साथ-साथ उपकरण विक्रेताओं को भी नामित किया था.
भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने जीटीसीसी के फैसले का समर्थन करते हुए कहा-
सभी हितधारकों के लिए खेल की भावना को बनाए रखना और सभी प्रतिभागियों को देश के सबसे बड़े मंच पर अपनी प्रतिभा दिखाने का उचित मौका देना अहम हैं. यह चौंकाने वाला और दुखद है कि राष्ट्रीय खेलों के पदकों का फैसला कथित तौर पर प्रतियोगिताओं की शुरुआत से पहले ही खेल के मैदान से दूर किया गया.
बयान के मुताबिक पीएमसी समिति को पता चला कि भारतीय ताइक्वांडो महासंघ की तरफ से नियुक्त कुछ अधिकारी ‘प्रतियोगिता शुरू होने से बहुत पहले 16 वेट कैटेगरी में से 10 में’ मैचों के नतीजे तय कर रहे थे. आईओए को मिली जानकारी के मुताबिक ‘गोल्ड मेडल के लिए तीन लाख रुपये की मांग की गयी थी,जबकि सिल्वर मेडल के लिए दो लाख और ब्रॉन्ज मेडल के लिए एक लाख रुपये की मांग की गयी थी. ताइक्वांडो की प्रतियोगिताएं चार से आठ फरवरी तक होंगी.
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