स्टार मुक्केबाज निकहत जरीन की अगुआई में भारतीय महिला मुक्केबाजों ने वर्ल्ड बॉक्िसंग कप फाइनल्स में सात गोल्ड मेडल जीते, जबकि पुरुष मुक्केबाजों में हितेश गुलिया और सचिन सिवाच ने भी खिताब जीता. भारतीय मुक्केबाजों ने सभी 20 वेट कैटेगरी में मेडल अपने नाम किए, जिसमें नौ गोल्ड, छह सिल्वर और पांच ब्रॉन्ज मेडल शामिल है. बीते दिन भारत के 15 मुक्केबाज रिंग में उतरे, जिसमें से महिला वर्ग में मौजूदा विश्व चैंपियन जैस्मीन लंबोरिया (57 किग्रा) और मीनाक्षी हुड्डा (48 किग्रा), एशियाई खेलों की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट प्रीति पवार (54 किग्रा), विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता परवीन हुड्डा (60 किग्रा), पूर्व युवा विश्व चैंपियन अरुंधति चौधरी (70 किग्रा) और नुपुर श्योराण (80 किग्रा से अधिक) ने भी गोल्ड मेडल जीते.
जैस्मिन और निकहत का कमाल
जैस्मिन ने पेरिस ओलिंपिक की मेडलिस्ट वू शिह यी को रोमांचक फाइनल में 4-1 से हराकर खिताब जीता. टूर्नामेंट में पहले ही मौजूदा विश्व चैंपियन को हरा चुकी प्रीति ने इटली की विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता सिरीन चर्राबी के खिलाफ एक और शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत दर्ज की. दो बार की विश्व चैंपियन निकहत (50 किग्रा) ने चीनी ताइपे की गुओ यी शुआन पर सर्वसम्मति से 5-0 से जीत दर्ज की और 2023 विश्व चैंपियनशिप के बाद अपना पहला गोल्ड मेडल जीता.
इन्होंने भी जीता फाइनल मुकाबला
परवीन ने जापान की अयाका तागुची पर 3-2 से जीत दर्ज की, जबकि अरुंधति ने उज्बेकिस्तान की अजीजा जोकिरोवा को 5-0 से हराया. मीनाक्षी हुड्डा ने मौजूदा एशियाई चैंपियन फरजोना फोजिलोवा पर 5-0 से जीत हासिल की. मैंस कैटेगरी में सचिन ने किर्गिस्तान के मुनारबेक उलु सेइतबेक को 5-0 से हराया, जबकि हितेश ने धीमी शुरुआत के बाद कजाखस्तान के नूरबेक मुर्सल को एक रोमांचक मुकाबले में 3-2 से शिकस्त दी.

