Kila Raipur Sports Festival 2025: पंजाब के बेहतरीन शहर लुधियाना से तकरीबन 19 किलोमीटर दूर है किला रायपुर नाम का गांव. लेकिन ये गांव सिर्फ लुधियाना या पंजाब ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में फेमस है. वजह है किला रायपुर स्पोर्टस फेस्टिवल. आप इसे किला रायपुर रूरल ओलिंपिक के नाम से भी जान सकते हैं. इन खेलों में हर किसी को कुछ न कुछ जरूर मिलता है. खेलने वालों को इनाम और सम्मान मिलता है तो देखने वालों को मिलता है उनका बचपन. क्योंकि इन खेलों में आपको पतंगबाजी भी मिलती है और गिल्ली-डंडा भी. या और भी ऐसे ही खेल जिन्हें आप अपने बचपन में देखा भी करते थे और खेला भी करते थे. एक बार फिर ये खेल आपको हैरतअंगेज नजारे दिखाने के लिए तैयार हैं. इस बार 31 जनवरी से 2 फरवरी तक आप दिल थामकर इसका हिस्सा बन सकते हैं. लेकिन उससे पहले आपके लिए ये जानना भी उतना ही जरूरी है कि आखिर इन ग्रामीण ओलिंपिक का ख्याल सबसे पहले किसे आया और कैसे ये खेल देखते ही देखते न केवल किला रायपुर बल्कि पूरे पंजाब की शान बन गए.
4 साल बाद वापस लौटा था किला रायपुर रूरल ओलिंपिक
किला रायपुर रूरल ओलिंपिक हर साल फरवरी माह के पहले हफ्ते में आयोजित होता रहा है, लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया जब लगातार 4 साल तक इन खेलों का आयोजन मुमकिन नहीं हो सका. दरअसल, साल 2019 से लेकर 2022 तक कानूनी विवाद और कोविड महामारी की वजह से इन खेलों का आयोजन नहीं किया जा सका. हालांकि साल 2022 में ग्रेवाल स्पोर्ट्स क्लब से कानूनी लड़ाई जीतने के बाद 2023 से किला रायपुर स्पोर्ट्स सोसाइटी इन खेलों का आयोजन कर रही है.
कौन-कौन से खेल हैं शामिल ?
रूरल ओलिंपिक खेलों में ग्रामीण खेल जैसे कबड्डी, स्टापू, गिटा पत्थर (गिटे) के साथ ही हॉकी, रेस, साइक्लिंग, हाई जंप जैसे आधुनिक खेल शामिल होते हैं. वहीं बोतल के सहारे खड़े होना, बालों के सहारे वजन उठाना, गाड़ियों को खींचना, ट्रेक्टर को शरीर के ऊपर से निकालना जैसे जोखिमभरी गतिविधियां भी इन खेलों में देखने को मिलती है. गिद्दा, भांगड़ा, लोक नृत्य, लोकगीत जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा पंजाबी गायक भी लोगों का मनोरंजन करते हैं. इन खेलों में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, कैप्टन अमरिंदर सिंह, दरबारा सिंह आदि शामिल होकर इसकी शोभा बढ़ा चुके हैं.
ये भी पढ़ें :-