FIFA Women's World Cup 2023: महिला फुटबॉल का महासमर इस बार कई मायने में अनूठा है और इसने खेल के वैश्विक मानचित्र में बदलाव का आगाज कर दिया जब जर्मनी, ब्राजील और कनाडा जैसे दिग्गज विश्व कप से बाहर हो गए. आश्चर्यों से भरे विश्व कप में सबसे बड़ा उलटफेर तब देखा गया जब दुनिया की दूसरे नंबर की टीम और दो बार की विश्व कप विजेता टीम जर्मनी अपने इतिहास में पहली बार ग्रुप चरण में बाहर हो गई. इसके अलावा कोपा अमेरिका चैंपियन ब्राजील और ओलिंपिक स्वर्ण पदक विजेता कनाडा ने टूर्नामेंट के पहले चरण में बाहर होकर फुटबॉल के प्रशंसकों को सोचने पर मजबूर कर दिया. टूर्नामेंट में मोरक्को, दक्षिण अफ्रीका और जमैका ने अलग इतिहास रचते हुए नॉकआउट चरण में जगह बनाई है.
अमेरिका को वर्ष 2015 और 2019 में विश्व कप विजेता बनने के दौरान कोचिंग देने वाली जिल एलिस ने कहा, 'अगर में साफ तौर पर कहूं तो मैं सच में आश्चर्यचकित हूं. मुझे लगता है कि जब आप अचानक जर्मनी और ब्राजील जैसी टीमों को विश्व कप से ग्रुप चरण के दौरान बाहर होते हुए देखते हो, तो मुझे नहीं लगता हम में से किसी ने ऐसा अनुमान लगाया होगा.'
दुनिया की नंबर एक टीम अमेरिका कभी भी तीसरे स्थान से नीचे नहीं रही. पूर्व चैम्पियन रही अमेरिकी टीम नॉकआउट चरण में तो पहुंच गई है लेकिन बहुत कमजोर दिख रही है. पांचवें स्थान पर काबिज फ्रांस का भी यही हाल है. महिला फुटबॉल में बढ़ती समानता ने विश्व कप के ग्रुप चरण को रोमांचक बना दिया है, जिसमें गुरुवार (3 अगस्त) का दिन उलटफेर से भरा रहा. मोरक्को ने कोलंबिया को 1-0 से हराया जबकि दक्षिण कोरिया ने जर्मनी के साथ मुकाबले को 1-1 पर ड्रॉ कर दिया. जर्मनी का इस मुकाबले के साथ विश्व कप का सफर समाप्त हो गया.
समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ने कुछ कारकों पर नजर डाली जिससे सामने आया कि कैसे पारंपरिक दिग्गज टीमों और तेजी से खत्म हो रही कमजोर टीमों के बीच अंतर कम हो रहा है. जमैका ने उद्घाटन मुकाबले में फ्रांस को एक भी गोल नहीं करने दिया और मैच 0-0 पर ड्रॉ हो गया. यही तरकीब उसने जर्मनी के खिलाफ भी लगाई. जमैका के कोच लॉर्न डोनाल्डसन ने कहा, ‘मुझे लगता है कि छोटे देश भी आगे बढ़ रहे हैं और कह रहे हैं कि हम भी यह कर सकते हैं.’ फुटबॉल टीमें समझदारी से काम कर रही हैं जिसका उदाहरण यह है कि जमैका ने तीन ग्रुप मैचों के बाद अभी तक अपने खिलाफ एक भी गोल नहीं खाया है. इस पर एलिस ने कहा, 'उन टीमों को तोड़ना कठिन है जिसके खिलाड़ी संगठित हैं.'
फिटनेस की भूमिका को भी नजरंदाज नहीं किया जा सकता. मैदान पर छोटी टीमें अलग ही ऊर्जा के साथ प्रदर्शन कर रही हैं. महिला फुटबॉल में लगातार विकास भी देखा जा रहा है. फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबॉल एसोसिएशन(फीफा) ने कहा है कि उसने महिलाओं के खेल में एक अरब डॉलर का निवेश किया है और 211 सदस्य संघों में लगभग 168 विकास कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. महिला विश्व कप के नए फॉर्मेट को भी कुछ हद तक खेल में समानता का कारण माना जा सकता है. वर्ष 2019 में टूर्नामेंट को 24 टीमों से बढ़ाकर 32 करने के फैसले पर संदेह था कि इससे अधिक एकतरफा खेल होंगे और मैचों के रोमांच में कमी आएगी. इस बार महिला विश्व कप ने इस संदेह को भी दूर कर दिया.
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