अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच इकलौते टेस्ट का तीसरा दिन भी बारिश की वजह से धुल गया. मैच अधिकारियों ने लगातार बारिश और ग्रेटर नोएडा के शहीद विजय सिंह पथिक खेल परिसर मैदान की खराब हालत के चलते तीसरे दिन के खेल को सुबह ही रद्द कर दिया. रातभर की बारिश के बाद सुबह फिर से बारिश हुई. इससे साफ हो गया कि मैच नहीं हो पाएगा. रात में पूरे ग्राउंड को कवर नहीं किया गया. इस वजह से जगह-जगह पर पानी भर गया. इस मैदान का ड्रेनेज सिस्टम काफी खराब है और इस वजह से 10 सितंबर की बारिश ने मामले को बद से बदतर कर दिया. इस टेस्ट में अभी तक टॉस भी नहीं हो सका है.
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यह इस टेस्ट का लगातार तीसरा दिन है जब मुकाबला शुरू ही नहीं हो सका है. पहला दिन बारिश और गीले आउटफील्ड के चलते मैच शुरू नहीं हो सका. दूसरे दिन बारिश नहीं हुई लेकिन मैदान को ग्राउंड्समैन तैयार नहीं कर सके. आठ घंटे तक मैदानकर्मी एक हिस्से को सुखाने और नए सिरे से तैयार करते रहे लेकिन खेल के लिहाज से यह तैयार नहीं हुआ. न्यूजीलैंड पुरुष क्रिकेट टीम के सोशल मीडिया अकाउंट से सुबह मैदान की फोटो पोस्ट की गई थी. इस फोटो में दिखाई देते है कि मैदान का लगभग आधा हिस्सा कवर नहीं है. जहां कवर नहीं थे वहां पर पानी जमा हो गया. फोटो के साथ लिखा था,
नोएडा में रात को काफी बारिश हुई. तीसरे दिन टेस्ट शुरू होने में देरी हो सकती है.
अफगानिस्तान ने ग्रेटर नोएडा स्टेडियम क्यों चुना
ग्रेटर नोएडा स्टेडियम को जब दूसरे दिन बारिश न होने के बाद भी तैयार नहीं किया जा सका तब तैयारियों को लेकर काफी सवाल उठे थे. कहा गया कि जब इतने बुरे हाल थे तो इस मैदान को क्यों चुना गया. इसको लेकर बीसीसीआई और यूपी क्रिकेट एसोसिएशन को भी लपेटा गया. लेकिन ग्रेटर नोएडा स्टेडियम के चयन के लिए इन दोनों की ही भूमिका नहीं थी. अफगानिस्तान के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैनेजर ने कहा कि उन्हें तीन ऑप्शन मिले थे और उन्होंने ही इस मैदान को चुना था. मैनेजर मिन्हाज राज ने कहा, ‘यह हमेशा से अफगानिस्तान का घरेलू मैदान रहा है. हम 2016 से यहां खेल रहे हैं. बारिश के कारण यह सब हुआ. हमने यहां स्थानीय टीम के खिलाफ तीन दिवसीय मैच भी खेला है जिसमें कोई मसला नहीं आया था.’
BCCI ने बेंगलुरु-कानपुर के दिए थे ऑप्शन
बीसीसीआई ने अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड को विकल्प के तौर पर बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम और कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम की पेशकश की थी लेकिन अपने खिलाड़ियों के इस मैदान से परिचय होने और कम खर्च जैसे मुद्दों को तरजीह देते हुए अफगानिस्तान ने ग्रेटर नोए़डा को चुना. यह मैदान पूरी तरह से अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड की पसंद थी और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मुहैया करानी थी.
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