पाकिस्तान क्रिकेट के लिए फिलहाल सबसे मुश्किल यही है कि वो किसी भी हाल में एशिया कप 2025 से अपना नाम वापस नहीं ले सकते. पाकिस्तान के अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने आईसीसी रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट को हटाने की मांग की थी लेकिन आईसीसी ने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया है. इस बीच अब ये खबर है कि अगर पीसीबी घमंड दिखाना जारी रखता है और एशिया कप से हटता है तो उसे 450 करोड़ पाकिस्तानी रुपये का नुकसान हो सकता है. टेस्ट खेलने वाले देश भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश और अफगानिस्तान हर साल एशियन क्रिकेट काउंसिल 15 प्रतिशत की कमाई करते हैं. वहीं एसोसिएट देशों में बाकी के 25 प्रतिशत बंट जाते हैं.
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रेवेन्यू में टिकट, स्पॉन्सरशिप और ब्रॉडकास्ट पार्टनरशिप आते हैं. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को एशिया कप से अकेले 454 करोड़ पाकिस्तानी रुपये की कमाई होती है. ऐसे में अगर पाकिस्तान ने गलती से भी नाम वापस लिया तो उनकी हालत बेहद खराब हो सकती है. क्योंकि बोर्ड इतना ज्यादा अमीर नहीं है.
क्या पाकिस्तान उठा पाएगा करोड़ों का नुकसान?
बता दें कि सोनी पिक्चर्स इंडिया ने एसीसी के साथ 8 साल का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है. ये कॉन्ट्रैक्ट साल 2024 से लेकर 2031 तक है. इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत अंडर 19 पुरुष और महिला एशिया कप भी शामिल है. इसके अलावा मोहसिन नकवी एसीसी के चेयरमैन हैं. ऐसे में भारत- पाकिस्तान मुकाबले के बाद मोहसिन नकवी ने ही रेफरी पायक्रॉफ्ट पर भारत का साथ देना का आरोप लगाया था और ये कहा था कि उन्हीं के चलते दोनों देशों के खिलाड़ियों ने हाथ नहीं मिलाया था. लेकिन अब आईसीसी ने पायक्रॉफ्ट को हटाने से साफ इनकार कर दिया है जिससे पाकिस्तान की फजीहत हुई है.
इस बीच पीसीबी के एक सूत्र ने पीटीआई से कहा कि, क्या नकवी पाकिस्तान को वित्तीय वर्ष के 227 मिलियन डॉलर के बजट में से लगभग 16 मिलियन डॉलर का नुकसान उठाने का जोखिम ले सकते हैं? यह पीसीबी की सालाना आय का करीब सात प्रतिशत हिस्सा होगा. यह उनके लिए बहुत जोखिम भरा होगा. लेकिन, पाकिस्तान के एक महत्वपूर्ण मंत्री के रूप में, उन्हें अपने देशवासियों के सामने अपनी इज्जत भी बचानी है.
यह साफ है कि अगर पीसीबी ने नाम वापस लिया तो वह एसीसी बोर्ड रूम में अकेला रह जाएगा, और दूसरे डायरेक्टर्स यह विरोध कर सकते हैं कि वह बिना किसी बड़े टूर्नामेंट में हिस्सा लिए 15% सालाना हिस्सा ले रहा है. वहीं ऑफिशियल ब्रॉडकास्टर्स भी यहां पैसे देने से इनकार कर सकता है, जिसके कारण एसीसी के प्रमुख के रूप में नकवी को भी आलोचना का सामना करना पड़ेगा. कुल मिलाकर, पाकिस्तान और नकवी को बहुत कुछ खोना पड़ सकता है और बहुत कम हासिल होगा.
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