Exclusive : 27 साल से इंदौर में ऑटो चलाने वाला निकला क्रिकेटर, नरेंद्र हिरवानी के साथ खेला क्रिकेट, बताई अपनी दास्तां

भारत में क्रिकेट को सिर्फ खेल ही नहीं बल्कि एक धर्म की तरह माना जाता है. यही कारण है कि भारत में क्रिकेट के प्रति दीवानगी पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा देखने को मिलती है. 

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भारत में क्रिकेट को सिर्फ खेल ही नहीं बल्कि एक धर्म की तरह माना जाता है. यही कारण है कि भारत में क्रिकेट के प्रति दीवानगी पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा देखने को मिलती है. हर गली, मोहल्ले या फिर किसी नुक्कड़ में कोई छोटा बच्चा बल्ला थामे क्रिकेट खेल रहा होता है और उनमें से ही कोई एक निकलकर विश्व पटल पर छा जता है. मगर कुछ खिलाड़ी या क्रिकेट को पूजने वाले ऐसे भी है, जो भारतीय क्रिकेट के समंदर में सफलता प्राप्त नहीं कर सके. जिसके बाद वह रोजी-रोटी और परिवार पालने के लिए ऑटो तक चलाते हुए नजर आ जाते हैं. इसी कड़ी में स्पोर्ट्स तक की इंदौर में भारत और ऑस्ट्रेलिया मैच के दौरान एक ऐसे ही ऑटो ड्राइवर से मुलाकात हुई. जो 90 के दशक में क्रिकेट खेलते थे और वह भारत के कभी फैशनेबल लेग ब्रेक गुगली गेंदबाज रहे नरेंद्र हिरवानी के साथ भी क्रिकेट खेल चुके हैं.

 

27 साल से इंदौर में चला रहे हैं ऑटो 


जी हां, स्पोर्ट्स तक से बातचीत में इंदौर में 27 साल से ऑटो चलाने वाले 54 वर्षीय अशोक सूर्यवंशी ने कहा, "मैं अभी 27 साल से इंदौर में ऑटो चला रहा हूं और उससे पहले मैं एक एक्सपोर्ट कम्पनी में काम करता था. लेकिन मैं भी कभी क्रिकेट खेलता था. हालांकि आगे नहीं जा सका."

 

अशोक ने आगे कहा, "मैं आईसीआई क्लब से क्रिकेट खेलता था. मैंने नरेंद्र हिरवानी के साथ क्रिकेट खेला हुआ है. मैं बतौर ऑलराउंडर क्रिकेट खेलता था. लेकिन जैसे ही एक बार नरेंद्र हिरवानी का चयन हुआ. उसके बाद फिर कभी उनसे मुलाकात नहीं हो सकी."

 

कौन है हिरवानी ?


गौरतलब है कि नरेंद्र हिरवानी ने भारत के लिए साल 1988 में वेस्टइंडीज के खिलाफ डेब्यू टेस्ट मैच में 16 विकेट लेकर अपना नाम रौशन किया था. वह उन दिनों बेहतरीन लेग ब्रेक गेंदबाज बनकर उभरे थे. हालांकि उनका करियर ज्यादा लंबा नहीं रहा. क्योंकि हिरवानी की फिरकी का जादू विदेशी पिचों पर नहीं चला और उनकी जगह भारत के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले आ गए थे. इसके बावजूद हिरवानी ने भारत के लिए 17 टेस्ट मैचों में 66 विकेट तो 18 वनडे मैचों में 23 विकेट अपने नाम किए थे.

 

अब बेटे को बनाना है क्रिकेटर 


इस तरह हिरवानी के साथ कभी क्रिकेट खेलने वाले अशोक खुद तो सफल क्रिकेटर नहीं बन सके. लेकिन अब अपने बेटे को एक सफल क्रिकेटर बनाना चाहते है. अशोक ने अंत में ने कहा, "मेरा बेटा भी क्रिकेट खेलता है और वह लेफ्ट हैंडर बल्लेबाज है. मैं उसे भी क्रिकेटर बनाना चाहता हूं."

 

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