भारत के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली (Virat Kohli) ने स्वीकार किया है कि लंबे समय तक टीम के लिए कोई ठोस योगदान नहीं देना उन्हें लगातार परेशान कर रहा था. उन्होंने भारतीय कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) के साथ बातचीत में कहा कि टेस्ट में एक बड़ा शतक बनाने की बेताबी में उन्होंने उम्मीदों को खुद पर हावी होने दिया. कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच में 186 रन की पारी खेली और तीन साल से अधिक समय के टेस्ट शतक के सूखे को खत्म किया. यह उनके टेस्ट करियर का 28वां जबकि कुल 75वां अंतरराष्ट्रीय शतक था.
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उन्होंने बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) की वेबसाइट पर जारी वीडियो में कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो अपनी खामियों के कारण मैंने खुद पर परेशानी को हावी होने दिया. क्रिकेट में तीन अंकों का आंकड़ा हासिल करने की बेताबी ऐसी चीज है जो एक बल्लेबाज के रूप में आप पर हावी हो सकती है. मैंने कुछ हद तक अपने साथ ऐसा होने दिया. लेकिन इसका दूसरा पहलू यह है कि मैं ऐसा खिलाड़ी नहीं हूं जो 40-45 रन से खुश रहे. मुझे टीम के लिए प्रदर्शन करने में बहुत गर्व महसूस होता है. जब मैं 40 रन पर बल्लेबाजी कर रहा होता हूं तो मुझे पता होता है कि मैं 150 रन बना सकता हूं. लेकिन ऐसा नहीं होना मुझे लगातार परेशान कर रहा था.’
शतकों के सूखे का कैसे किया सामना
द्रविड़ ने उनसे जब पूछा कि इस मुश्किल समय से निपटना कितना मुश्किल था तो कोहली ने कहा, ‘अगर मैं सच कहूं तो यह थोड़ा मुश्किल हो जाता है क्योंकि जैसे ही आप होटल के कमरे से बाहर कदम रखते हैं, बाहर के आदमी से लेकर लिफ्ट में मौजूद व्यक्ति, बस ड्राइवर हर कोई कह रहा है कि हमें आपके बल्ले से शतक चाहिए. ऐसे में यह आपके दिमाग में चलता रहता है, लेकिन इतने लंबे समय तक खेलने का फायदा यह है कि आप इस तरह की मुश्किल परिस्थितियों से निपटना सीख जाते है.’
अहमदाबाद में दिखाया गजब का संयम
कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी शतकीय पारी के दौरान लगभग साढ़े आठ घंटे और 364 गेंद तक बल्लेबाजी की. उन्होंने इस दौरान संयम का परिचय देते हुए लगातार 162 गेंदों पर कोई चौका नहीं लगाया. उन्होंने अपना पांचवां चौका 89वीं गेंद पर लगाया जबकि छठा चौका उनकी पारी की 251 वीं गेंद पर आया.
द्रविड़ से कोहली को मिली शाबाशी
इस बातचीत में द्रविड़ ने कहा कि वह भी पूर्व कप्तान के बल्ले से बड़ी शतकीय पारी देखने के लिए बेताब थे और आखिर में यह सार्थक रहा क्योंकि कोहली ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा, ‘मैंने उन्हें एक खिलाड़ी के तौर पर देखा है. मैंने टेलीविजन पर उनकी कई शतकीय पारियों को देखने के साथ कोचिंग का जिम्मा मिलने पर पिछले 15-16 महीने में उनके बल्ले से शतकीय पारियों (टी20 अंतरराष्ट्रीय और वनडे) का लुत्फ उठाया है. मैं भी ड्रेसिंग रूम से उनकी टेस्ट में शतकीय पारी का लुत्फ उठाने के लिए बेताब था. आपके इस टेस्ट शतक का आनंद लेना शानदार एहसास था. यह बेहतरीन पारी थी. आपने मुझे लंबे समय तक इसका इंतजार कराया लेकिन जिस तरह से आपने पारी को आगे बढ़ाया, उसे देखना मेरे लिए सौभाग्य की बात थी.’
इस टेस्ट से पहले कोहली का पिछला शतक नवंबर 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ दिन-रात्रि टेस्ट में आया था. कोहली ने कहा कि वह कभी उपलब्धि के बारे में सोच कर नहीं खेलते है. उन्होंने कहा, ‘बहुत से लोग मुझसे पूछते हैं, ‘आप इतने शतक कैसे बनाते हैं.’ मैं हमेशा कहता हूं कि मेरा लक्ष्य टीम के लिए जितना संभव हो उतनी अधिक देर तक बल्लेबाजी करना है और इस लक्ष्य को हासिल करने के दौरान ही शतक बना जाता है.’
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