IND W vs AUS W: टीम इंडिया के लिए करो या मरो का मुकाबला, ऑस्ट्रेलिया को हराना है तो दूर करनी होंगी ये कमियां

मेजबान भारत शनिवार (17 दिसंबर) को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ‘करो या मरो’ के चौथे महिला टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में अपने गेंदबाजी विभाग में कुछ बड़ा सुधार करना चाहेगा.

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मेजबान भारत शनिवार (17 दिसंबर) को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ‘करो या मरो’ के चौथे महिला टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में अपने गेंदबाजी विभाग में कुछ बड़ा सुधार करना चाहेगा. इसके जरिए वह सीरीज को जिंदा रखने की कोशिश करेगा. भारतीय टीम अभी पांच मैचों की सीरीज में 1-2 से पिछड़ रही है. उसके लिए सीरीज में बने रहने के लिये इस मैच में जीत दर्ज करना जरूरी है. यह सीरीज दक्षिण अफ्रीका में तीन फरवरी से शुरू होने वाले टी20 विश्व कप से पहले काफी अहम है. जब रमेश पोवार मुख्य कोच थे, उन्होंने गेंदबाजी विभाग का अच्छी तरह ध्यान रखा था लेकिन उनके जाने के बाद भारत पूर्णकालिक गेंदबाजी कोच के बिना ही है.

 

कप्तान हरमनप्रीत कौर ने तीसरे मैच के बाद स्वीकार किया था कि उनकी टीम को गेंदबाजी कोच की कमी खल रही है. भारत का तेज गेंदबाजी आक्रमण इतना अनुभवी भी नहीं है तो भारत को कई समस्याओं से निपटना है. भारतीय गेंदबाजों ने सभी तीन मैचों में 170 रन से ज्यादा का स्कोर बनाने दिया है. वे पहले मैच में 172 रन के लक्ष्य का बचाव नहीं कर सके. दूसरे मैच में उन्होंने 187 रन लुटा दिए और तीसरे में प्रतिद्वंद्वी टीम ने 172 रन बनाए.

 

मेघना सिंह को अच्छी तरह से परखा नहीं जा सका है जबकि तेज गेंदबाजी की अगुआई कर रही रेणुका सिंह को शानदार प्रदर्शन करने के लिये मददगार परिस्थितियों की जरूरत है. गेंदबाजी जहां उम्मीदों पर खरा नहीं उतरी है तो फील्डिंग कोच सुभादीप घोष को भी डटकर काम करना होगा क्योंकि कैच लेने के मामले में और मैदान में क्षेत्ररक्षकों का प्रदर्शन इतना अच्छा नहीं रहा है.

 

स्ट्राइक रोटेशन नहीं होना बड़ी चिंता

भारत को बल्लेबाजी विभाग में भी काफी काम करना होगा. टीम का सबसे बड़ा मुद्दा ‘स्ट्राइक रोटेट’ करना रहा है. शेफाली वर्मा, ऋचा घोष और कप्तान हरमनप्रीत भारत की तीन ‘पावर हिटर’ हैं जबकि स्मृति मांधना गेंद को अच्छी तरह टाइम कर सकती हैं लेकिन वे ‘स्ट्राइक रोटेट’ नहीं कर रही हैं और कप्तान ने पिछले मैच में मिली हार के बाद इसका जिक्र किया. भारतीय बल्लेबाज प्रत्येक मैच में काफी ‘डॉट’ गेंद खेल रही हैं.

 

ध्यान अब जेमिमा रॉड्रिग्स पर होगा जो अभी तक तीन मैचों में शून्य, चार और 16 रन ही बना सकी हैं. मध्यक्रम की यह बल्लेबाज उस भारतीय टीम की मजबूत खिलाड़ियों में शामिल रही थीं जो बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल में पहुंची थी. उन्हें भी रन जुटाने होंगे.

 

ऑस्ट्रेलिया पूरे रंग में

वहीं ऑस्ट्रेलियाई टीम एक मैच रहते सीरीज अपने नाम करना चाहेगी. कप्तान एलिसा हीली अच्छा काम कर रही हैं और यह विकेटकीपर बल्लेबाज अपनी शुरूआत को बड़े स्कोर में तब्दील करना चाहेगी. सलामी बल्लेबाज बेथ मूनी शानदार फॉर्म में हैं और सीरीज में सबसे ज्यादा रन जुटाने वाली खिलाड़ी हैं, वह इसी लय को जारी रखना चाहेंगी.

 

टीमें इस प्रकार हैं:

भारत- हरमनप्रीत कौर (कप्तान), स्मृति मांधना (उप कप्तान), शेफाली वर्मा, यास्तिका भाटिया, जेमिमा रॉड्रिग्स, दीप्ति शर्मा, राधा यादव, राजेश्वरी गायकवाड़, रेणुका सिंह ठाकुर, मेघना सिंह, अंजलि सरवनी, देविका वैद्य, एस मेघना, ऋचा घोष और हरलीन देओल.

ऑस्ट्रेलिया- एलिसा हीली (कप्तान), तहलिया मैक्ग्रा (उप कप्तान), डार्सी ब्राउन, निकोला कैरी, एश्ले गार्डनर, किम गार्थ, हीथर ग्राहम, ग्रेस हैरिस, अलाना किंग, फीब लिचफील्ड, बेथ मूनी, एलिस पैरी, मेगान शट और अनाबेल सदरलैंड.

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