टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज संजू सैमसन को पहला टी20 शतक लगाने में 33 मैच और तकरीबन 10 साल का लंबा वक्त लग गया. संजू वो बल्लेबाज है जिन्हें टीम और सेलेक्टर्स ने बार बार मौका दिया. संजू फेल हुए लेकिन फिर भी जैसे तैसे टीम इंडिया में वापसी की. लेकिन अब इस बल्लेबाज ने बांग्लादेश के खिलाफ आखिरी टी20 में जो किया है उसने सभी आलोचकों का मुंह बंद कर दिया है. संजू ने टी20 इंटरनेशनल में अपना पहला शतक ठोक दिया है. संजू ने 47 गेंदों पर 111 रन की पारी खेली. इस दौरान उन्होंने 8 छक्के और 11 चौके लगाए. इस तरह वो अब टी20 में सबसे तेज शतक लगाने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं. इस बल्लेबाज ने सिर्फ 40 गेंद पर अपना शतक पूरा किया.
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सैमसन की पारी की बदौलत भारत 20 ओवरों में 6 विकेट गंवा 297 रन का विशाल स्कोर खड़ा करने में कामयाब रहा. टीम इंडिया का ये टी20 का सबसे बड़ा स्कोर है. ऐसे में मैच के बाद संजू ने बड़ा बयान दिया.
मेरी टीम ने मेरा साथ नहीं छोड़ा: संजू
सीरीज जीत के बाद संजू सैमसन ने कहा कि मैं काफी ज्यादा खुश हूं कि मेरी पारी देखने के बाद टीम के बाकी के खिलाड़ी भी खुश हैं. आपको उस वक्त बुरा लगता है कि जब आपको पता चलता है कि आप क्या कर सकते हो मैदान पर लेकिन आप कर नहीं पाते. मुझे भी ऐसा ही लगता है. लेकिन मैं काफी ज्यादा मैच खेल चुका हूं. ऐसे में मुझे पता है कि दबाव और असफलता को कैसे हैंडल करना है. मैं काफी ज्यादा फेल हुआ हूं. मैं सिर्फ प्रोसेस पर फोकस करना चाहता हूं और मुझे पता है कि मैं अच्छा कर सकता हूं.
संजू ने टीम की लीडरशिप को लेकर भी बड़ा बयान दिया और कहा कि देश के लिए जब आप खेलते हो तो आप पर दबाव होता है. लेकिन मैं प्रदर्शन करना चाहता था और सभी को दिखाना चाहता था. लेकिन मैं सबकुछ बेसिक रखा. एक- एक गेंद पर फोकस किया. लीडरशिप ने मुझे बार बार कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए हम तुम्हें सपोर्ट करते रहेंगे. उन्होंने शब्दों में नहीं बल्कि अपने एक्शन से भी मेरा सपोर्ट किया. पिछली सीरीज में जब मैं दो बार डक आउट हुआ था तब मैं वापस केरल गया और मैंने सोचा कि अब क्या होगा.
मैच की बात करें तो भारत के 298 रन के विशाल लक्ष्य के जवाब में बांग्लादेश की टीम 20 ओवरों में 7 विकेट गंवा सिर्फ 164 रन ही बना पाई. टीम इंडिया ने अंत में ये मुकाबला 133 रन से जीत लिया.